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'वह बोल नहीं सकती…" : हाथरस में हुए हादसे के बाद अपनी बेटी को खोजती मां की दर्दनाक कहानी

उत्तर प्रदेश का हाथरस एकबार फिर से खबरों में है. इस बार एक धार्मिक कार्यक्रम में भगदड़ मचने से 116 लोगों की जान चली गई है. यहां कई भक्त खोए हुए परिवार और दोस्तों की तलाश में हैं. भगदड़ में जीवित बचे सुरेश ने संवाददाताओं से कहा, “मैं अपने परिवार के साथ बदांयू से यहां आया था. मेरे भाई की पत्नी लापता है. हमें पता चला कि कई लोग लापता हैं. मैंने माइक में घोषणा की लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ.”

लापता लोगों में 15 साल की छाया भी शामिल है, जिसका परिवार आगरा से सत्संग में भाग लेने आया था. उसकी दुखी मां ने कहा, “मैं उसे हर जगह ढूंढ रही हूं. मेरी बेटी बोल नहीं सकती. वह केवल रो सकती है.”

छाया की मां ने कहा कहा कि वहां छह-सात लोग आए थे, मेरी बेटी गायब है. किसी ने हमें नहीं बताया कि वह कहां थी, उन्होंने कहा कि वह यहां-वहां थी. लेकिन मैं उसे नहीं ढूंढ सका. पुलिस ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं पता.”

हाथरस हादसे में केस दर्ज करने की प्रक्रिया जारी
हाथरस हादसे के बाद अब केस दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है. जानकारी के मुताबिक, सत्संग में कुल 40 पुलिसकर्मी तैनात थे. इसके अलावा बाबा के सेवादार भी व्यवस्था में लगे हुए थे. बता दें कि भोले बाबा यानी नारायण साकार हरि की सभा में 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे. बाबा को प्रशासन की ओर से सभा का आयोजन करने की मंजूरी मिल गई थी. बताया जा रहा है कि अलग-अलग राज्यों से लोग सभा में शामिल हुए थे. 

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