शिवसेना (यूबीटी) नेता की हत्या : मुंबई क्राइम ब्रांच ने मॉरिस नोरोन्हा के बॉडीगार्ड को किया गिरफ्तार
मुंबई :
फेसबुक लाइव’ के दौरान शिवसेना (यूबीटी) नेता अभिषेक घोसालकर की हत्या के बाद गोली मारकर आत्महत्या करने वाले मॉरिस नोरोन्हा के एक बॉडीगार्ड को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उससे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने बताया कि नोरोन्हा द्वारा इस्तेमाल की गई पिस्तौल उनके बॉडीगार्ड अमरेंद्र मिश्रा की है. अधिकारी ने बताया कि हथियार एक आयुध कारखाने में बनाया गया था और इसका लाइसेंस मिश्रा के नाम पर है.
नोरोन्हा की पत्नी का बयान किया गया दर्ज
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मिश्रा के पास ऑल इण्डिया का लाइसेंस है. मॉरिस, मिश्रा की पिस्तौल अपने पास ही रखता था. पुलिस के मुताबिक पिस्टल इंडियन मेक है. अपराध शाखा के अधिकारियों ने इस संबंध में मिश्रा से पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस ने नोरोन्हा की पत्नी सहित उनके परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए हैं, और पता चला है कि वह पूर्व विधायक विनोद घोसालकर के बेटे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के वफादार पूर्व पार्षद अभिषेक घोसालकर के प्रति द्वेष रखते थे.
नोरोन्हा ने पांच महीने सलाखों के पीछे बिताए
कई मामलों का सामना कर रहे नोरोन्हा को पहले बलात्कार के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसने लगभग पांच महीने सलाखों के पीछे बिताए थे. उसकी पत्नी ने पुलिस को बताया कि घोसालकर (40) और राजनीतिक आकांक्षाएं रखने वाले नोरोन्हा के बीच झगड़ा था. नोरोन्हा को संदेह था कि दुष्कर्म के मामले में घोसालकर ने उसे फंसाया था. जेल से बाहर आने के बाद नोरोन्हा अक्सर कहते थे कि वह घोसालकर को “बख्शेंगे” नहीं. अधिकारी ने कहा, नोरोन्हा ने सबसे पहले घोसालकर को सुलह की पेशकश कर उनका विश्वास जीतने का फैसला किया. उसने अपने इलाके में घोसलकर के बैनर लगाने शुरू कर दिये. बृहस्पतिवार शाम लगभग साढ़े सात बजे घोसालकर आईसी कॉलोनी में अपने कार्यालय में थे, तब उन्हें नोरोन्हा का फोन आया. नोरोन्हा का कार्यालय ‘प्रभु उद्योग भवन’ भवन के भूतल पर स्थित है. दोनों के कार्यालयों के बीच 100 मीटर से भी कम की दूरी है.
ऐसे रची हत्या की साजिश
नोरोन्हा ने उसे सड़क के दूसरी ओर स्थित अपने कार्यालय में आने के लिए कहा और कहा कि वे वहां महिलाओं को साड़ियां वितरित करेंगे. नोरोन्हा के कार्यालय में “कोरोना योद्धा” और “मॉरिस भाई को वोट दें” जैसे संदेश वाले बैनर लगे हैं. इसके बाद नोरोन्हा ने घोसालकर को सुझाव दिया कि वे आपसी मतभेद भुलाकर लोगों के लिए काम करने के अपने फैसले की घोषणा करने के लिए एक ‘फेसबुक लाइव’ करें. अधिकारी ने कहा कि ‘फेसबुक लाइव’ के दौरान, नोरोन्हा ने अपने अंगरक्षक की पिस्तौल से घोसालकर को गोलियां मारीं. पिस्तौल शायद नोरोन्हा ने अपने पास रखी थी. इसके बाद उसने दफ्तर में ही खुद को भी सिर में गोली मार ली.
घोसालकर के साथ हर जगह जाने वाले उनके एक दोस्त की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है. अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में उसका बयान भी दर्ज किया गया. नोरोन्हा और घोसालकर के कार्यालयों के पास बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के बीच पुलिस ने शुक्रवार को इलाके में कड़ी निगरानी रखी. उन्होंने बताया कि आसपास की दुकानें भी बंद रहीं और वहां शांति है.
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