क्या चीनी वायरस से डरना चाहिए, किन्हें ज्यादा खतरा, कैसे बचें? एक्टपर्ट्स से जानिए हर सवाल का जवाब
नई दिल्ली:
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में तेजी देखी जा रही है, जिससे वहां के अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है. साथ ही लोगों को भी सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं सताने लगी हैं. भारत में सोमवार को एचएमपीवी वायरल के पांच मामले सामने आए, जिनमें से दो बेंगलुरु, दो तमिलनाडु और एक अहमदाबाद में है. स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हालांकि संक्रमित शिशुओं और उनके परिवारों की हाल की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है.
एचएमपीवी एक सामान्य सांस संबंधी वायरस है, जो आम तौर पर सामान्य सर्दी जैसे ऊपरी सांस के संक्रमण का कारण बनता है. हालांकि ये सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग विशेष रूप से अधिक गंभीर बीमारी के प्रति संवेदनशील होते हैं. एचएमपीवी संक्रमण आम तौर पर मौसमी होते हैं, जो मुख्य रूप से सर्दियों और शुरुआती वसंत में होते हैं.
भारत में एचएमपीवी के मामले बढ़ने के मद्देनजर लोगों में चिंताएं शुरू हो गई हैं. ऐसे में हमने सीधे हमारे विशेषज्ञ से एचएमपीवी के बारे में कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के उत्तर जानें.
1. क्या एचएमपीवी जीवन के लिए खतरनाक है?
मणिपाल अस्पताल में संक्रामक रोगों की सलाहकार डॉ. अंकिता बैद्य कहती हैं, “एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. चीन में हालिया प्रकोप के कारण इसने हाल ही में सुर्खियां बटोरी है. हालांकि, ये जांच की जानी चाहिए कि क्या कोई नया स्ट्रेन फैल रहा है.”
उन्होंने आगे कहा, “यह जानलेवा नहीं है, लेकिन अधिक उम्र के लोगों पर लगातार नजर रखनी चाहिए.”
ज्यादातर लोगों में एचएमपीवी के ये लक्षण पाए जाते हैं :
- खांसी
- बहती नाक
- बुखार
- गला खराब होना
हालांकि, इसके बाद ये गंभीर रूप भी ले लेता है.
- शिशु और छोटे बच्चों में
- बुजुर्ग (विशेषकर 65 वर्ष से अधिक आयु वाले)
- कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग
- पुरानी सांस या हृदय संबंधी समस्या वाले व्यक्ति
गंभीर मामलों में, ये निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस जैसी कॉम्प्लिकेशन को जन्म दे सकता है.
2. एचएमपीवी वायरस से ग्रसित व्यक्ति कितने दिनों में ठीक हो सकता है?
डॉक्टर ने कहा, “अधिकांश व्यक्तियों में ये बीमारी आमतौर पर 7-10 दिनों के भीतर ठीक हो जाती है. हालांकि, गंभीर मामलों में, विशेष रूप से हाई रिस्क ग्रुप में ठीक होने में अधिक समय लग सकता है और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है. नहीं तो कोई भी व्यक्ति बिना किसी कॉम्प्लिकेशन के किसी भी वायरल बीमारी की तरह एक सप्ताह के भीतर बेहतर महसूस कर सकता है. हालांकि, लोगों को डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेनी चाहिए.”
3. एचएमपीवी वायरस कैसे फैलता है?
डॉ. अंकिता बैद्य कहती हैं, “किसी भी अन्य सांस संबंधी बीमारी की तरह, एचएमपीवी भी खांसने, छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है.”
एचएमपीवी फैलता है:
- जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो सांस से निकलने वाली बूंदों से
- किसी संक्रमित व्यक्ति या दूषित स्थानों से सीधा संपर्क में आने से
- संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने या चूमने से
सिम्टोमैटिक फेज के दौरान वायरस सबसे अधिक संक्रामक होता है.
4. किस एज ग्रुप को एचएमपीवी से सबसे अधिक खतरा है?
छोटे बच्चे, विशेषकर 5 साल से कम उम्र के बच्चे, सबसे अधिक असुरक्षित होते हैं. साथ ही बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्ति. खास कर कैंसर रोगी और अंग प्रत्यारोपण हासिल करने वाले.
5. ये अन्य सांस वाले वायरस से कैसे अलग है?
डॉ. बैद्य ने कहा, “एचएमपीवी के बढ़ने में 3-5 दिन का अंतर होता है. हालांकि, अन्य श्वसन संक्रमणों के विपरीत, एचएमपीवी रोगियों को निमोनिया का टेस्ट जरूर करवाना चाहिए.”
6. एचएमपीवी के उपचार के लिए कौन-कौन से जांच उपलब्ध हैं?
डॉक्टर ने सुझाव दिया, “इसमें सांस से संबंधी नमूना लिया जाता है और पीसीआर परीक्षण के लिए भेजा जाता है.”
7. क्या एचएमपीवी के लिए कोई प्रिवेंटिव मेडिसीन हैं?
वर्तमान में, एचएमपीवी के लिए कोई विशेष टीका या एंटी वायरल इलाज नहीं है.
एचएमपीवी के प्रिवेंटिव उपाय:
- अच्छी हाइजीन, जैसे बार-बार साबुन से हाथ धोना
- संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचना
- इस्तेमाल वाली जगहों को नियमित रूप से डिसइंफेक्ट करते करना
- वायरस के प्रकोप के दौरान भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना
8. क्या कोई एंटीबायोटिक्स ले सकता है?
डॉ. बैद्य ने कहा, “नहीं, एंटीबायोटिक्स की सिफारिश नहीं की जाती है. एंटीबायोटिक्स केवल तभी दी जाती है, जब कोई जीवाणु संक्रमण जुड़ा हो. एचएमपीवी के खिलाफ एंटीबायोटिक्स प्रभावी नहीं है, क्योंकि यह बैक्टीरिया के कारण नहीं, बल्कि वायरस के कारण होता है.”
डॉ. अंकिता बैद्य ने साथ ही अपील की कि यदि लक्षण गंभीर हैं, खासकर हाई रिस्क वाले व्यक्तियों में, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें.
डिस्क्लेमर : ये सलाह केवल सामान्य जानकारी है. ये किसी भी तरह से मेडिकल ओपिनियन नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें. The Hindkeshariइस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.