श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस : हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर HC में हो सकेगी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज
दिल्ली:
उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद (Krishna Janmabhoomi) मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आर्डर 7 रूल 11 की आपत्ति वाली अर्ज़ी खारिज कर दी है. अब हिंदू पक्ष की याचिकाओं में कोर्ट में सुनवाई हो सकेगी. अदालत ने मुस्लिम पक्ष की तरफ़ से दायर हिंदू पक्ष की याचिका पर उठाए पोषणीयता के सवाल को ख़ारिज कर दिया है.
हाई कोर्ट के इस कदम से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. दरअसल मुस्लिम पक्ष ने याचिकाओं की पोषणीयता को चुनौती दी थी. अदालत ने हिंदू पक्ष की सिविल वाद की पोषणीयता वाली याचिकाएं मंजूर कर ली हैं. श्रीकृष्ण भूमि केस मामले में अब ट्रायल चलेगा और आगे याचिकाओं की सुनवाई जारी रहेगी. ये फैसला जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने सुनाया है.
#WATCH | Prayagraj: On Allahabad HC rejects Muslim side’s plea challenging maintainability of Hindu suits, Advocate Vishnu Shankar Jain says, “Today Allahabad High Court has rejected the application of order 7 rule 11 filed by Shahi Eidgah Masjid and held that all these 18 suits… pic.twitter.com/3kklt5MexE
— ANI (@ANI) August 1, 2024
मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, ” इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शाही मस्जिद की 7/11 में फाइल की गई एप्लिकेशन रिजेक्ट कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि ये प्लेसेज ऑफ वर्शिप है. सभी केस बाधित नहीं हैं. मामले में 123 अगस्त को अगली सुनवाई होगी. इलाहाबाद हाई कोर्ट के दिए गए सर्वे के ऑर्डर पर सुप्रीम कोर्ट ने जो स्टे लगाया है, उसके लिए हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाएगा और स्टे हटाने की मांग करेंगे.
क्या है हिंदू पक्ष की मांग?
हिंदू पक्ष की तरफ से दायर याचिकाओं में शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को हिंदुओं का बताकर यहां पर पूजा का अधिकार देने की मांग की गई है. मुस्लिम पक्ष ने इसे खारिज किए जाने को लेकर दलील पेश की थी. मुस्लिम पक्ष ने इसके लिए प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, लिमिटेशन एक्ट. वक्फ एक्ट, स्पेसिफिक पजेशन एक्ट का हवाला दिया था. इस मामले पर 6 जून को सुनवाई हुई थी, जिस पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
क्या है विवाद?
हिंदू पक्ष की तरफ से ये मुकदमे शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाकर जमीन का कब्जा देने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग को लेकर दायर किए गए हैं. यह विवाद मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है, माना जाता है कि जिसका निर्माण भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर बने मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त करने के बाद किया गया.