NEET पेपर लीक के 'सिंकदर' की कहानीः बिहार में कैसे काम करता है सॉल्वर गैंग
इसी बीच जब होटल के एक वेटर से बातचीत की तो उसने बताया कि सिकंदर यहां अपने कुछ साथियों के साथ आया था. वेटर ने ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को सिकंदर की कार का नंबर भी उपलब्ध कराया. जांच एजेंसी को इसी होटल से सिकंदर के दोस्त अनुज के बारे मे भी जानकारी मिली थी. बात में जांच में पता चला कि अनुज भी धीरज की तरह ही पहले अभ्यार्थियों की तलाश करता है और फिर उनके अभिभावकों से पैसों की डिलिंग कर, पैसा सिकंदर तक पहुंचाता है.
अनुज ने रांची और आसपास के इलाकों के करीब 25 अभ्यार्थियों को NEET की परीक्षा से एक दिन पहले ही प्रश्न पत्र ना सिर्फ मुहैया करवाए थे बल्कि उनके उत्तर भी रटवाए थे. इसके लिए अनुज ने इन लोगों से हर प्रश्न पत्र के लिए 40 लाख रुपये की डील तय की थी.