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कर्नाटक की इस IAS के खिलाफ सिंगर लकी अली ने लोकायुक्त के यहां की शिकायत, लगाए ये गंभीर आरोप


नई दिल्ली:

सिंगर लकी अली ने कर्नाटक की एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ लोकायुक्त के यहां शिकायत की है. इस मामले में उन्होंने आईएएस अधिकारी के पति और उनके देवर को भी आरोपी बनाया है. उन्होंने इन लोगों को पर उनकी जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया है. यह दूसरी बार है कि लकी अली ने जमीन पर कब्जे की सार्वजनिक शिकायत की है.

आईएएस अधिकारी पर क्या आरोप लगाए हैं

लकी अली ने कर्नाटक के लोकायुक्त को दी अपनी शिकायत में आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंदूरी, उनके पति और देवर पर आरोप लगाए हैं. अली के मुताबिक सिंदूरी, उनके पति और राजनीतिक दखल रखने वाले देवर ने राज्य सरकार की मशीनरी और पैसे का दुरुपयोग कर जमीन पर गैरकानूनी रूप से कब्जा कर लिया है. उन्होंने अपनी शिकायत की जानकारी गुरुवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी.

लकी अली ने दूसरी बार अपनी जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया है. इससे पहले दिसंबर 2022 में कर्नाटक पुलिस के डीजीपी को टैग करते हुए कई ट्वीट किए थे.इस ट्वीटर थ्रेड में उन्होंने कहा था कि उनका फार्म, जो कि एक ट्रस्ट की संपत्ति है, उस पर बंगलुरु के भूमाफिया मधु रेड्डी और सुधीन रेड्डी ने आईएएस सिंदूरी की मदद से कब्जा कर लिया है. 

महिला आईएएस अधिकारी पर पहले भी लगे हैं आरोप

ऐसा पहली बार नहीं है जब आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंदूरी किसी कानूनी पचड़े में पड़ी हों. इससे पहले पिछले साल फरवरी में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी डी रूपा मुदगिल ने उनके खिलाफ कई आरोप लगाए थे. मुदगिल ने फेसबुक पोस्ट में उनके खिलाफ कई आरोप लगाए थे. इन पोस्टों में मुदगिल ने आरोप लगाए थे कि सिंदूरी ने साथी आईएएस अधिकारियों के साथ उनकी निजी तस्वीरें साझा की हैं. इसको लेकर दोनों सार्वजनिक विवाद हुआ. इसका परिणाम यह हुआ कि राज्य सरकार ने दोनों अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया था. 

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इसके बाद सिंदूरी ने 21 फरवरी को मुदगिल को कानूनी नोटिस जारी कर बिना शर्त माफी और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने  और मानसिक पीड़ा के लिए एक करोड़ के हर्जाने की मांग की थी. इसके बाद 24 मार्च को बंगलुरु की एक अदालत ने सिंदूरी की अपील पर रूपा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.इसके खिलाफ मुदगिल ने हाई कोर्ट की शरण ली.लेकिन अदालत ने 21 अगस्त को उनकी याचिका को खारिज कर दिया. हाई कोर्ट के इस फैसले को मुदगिल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. वहां मामला अभी भी लंबित है.

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