देश

सर! इस केस में हाथ मत डालिए… जब IPS किशोर कुणाल ने दे डाली थी बिहार के मुख्यमंत्री को चुनौती


नई दिल्ली:

कहानी 1983 की, जब बिहार के CM जगन्नाथ मिश्र ने पटना के एसपी से बॉबी हत्याकांड की स्थिति पूछी. और जवाब था – ‘सर, आपकी छवि किसी भी मामले में कैसी भी हो, इस केस में हाथ मत डालिए, नहीं तो हाथ जल जाएगा. SP का नाम था किशोर कुणाल, जो अपने बेबाक तेवर और सख्त मिजाज के लिए मशहूर थे. आइए इस वीडियो में हम आपको लेकर चलेंगे किशोर कुणाल की जिंदगी के उस खास सफर पर, जिसने राजनीति, प्रशासन और समाज सेवा के हर पहलू को हिला कर रख दिया 

बॉबी हत्याकांड कोई आम क्राइम स्टोरी नहीं  है …. ये ऐसी कहानी है जिसमें सेक्स, क्राइम और पॉलिटिक्स… ये तीनों ही शामिल थे

80 के दशक में पटना सचिवालय में काम करने वाली श्वेतनिशा’ एक ऐसी लड़की जिसे बिहार की राजनीति का ‘बॉबी’ कहा जाता है. राजनेताओं से लेकर उस वक्त के ठेकेदार तक उसके हुस्न के दीवाने थे.

एक दिन अचानक श्वेतनिशा उर्फ बॉबी की हत्या हो जाती है. फिर, इस THRILLER SUSPENSE CRIME स्टोरी में एंट्री होती है पटना के युवा एसपी IPS किशोर कुणाल की

मूल रूप से गुजरात कैडर के आईपीएस किशोर कुणाल को 80 के दशक में पटना की कमान मिली. किशोर कुणाल पटना के एसपी बने और उसी दौरान हुआ बिहार का सबसे चर्चित हत्याकांड, जिसमें सबूत थे, सुराग थे लेकिन दोषी नहीं. 

किशोर कुणाल ने अपनी किताब दमन तक्षकों में इस वारदात का जिक्र किया है. पटना से दिल्ली तक की सियासत में भूचाल ला देने वाले बॉबी उर्फ श्वेतानिशा मर्डर केस पर कुणाल ने अपनी किताब में एक दोहा लिखा- समरथ को नहीं दोष गोसाईं. किशोर कुणाल के पटना एसपी की कमान संभालने के कुछ दिन बाद ही ये मामला अखबारों की सुर्खियां बन गया.

यह भी पढ़ें :-  PHOTOS: सिर पर हैट... हाथों में कैमरा, पीएम मोदी की जंगल सफारी की खास तस्‍वीरें

बॉबी को कब और किसने जहर दिया था

तब पत्रकारों ने अखबारों के पन्ने को इस खबर से रंग दिया. एक के बाद एक नए पहलू उजागर होने लगे. IPS किशोर कुणाल ने इन्हीं अखबारों की खबर को आधार बनाया और उस पर एक यूडी केस दर्ज कर दिया. इसके बाद फौरन ही बॉबी की लाश को कब्रिस्तान से निकाला गया, फिर पोस्टमार्टम भी कराया गा. उस वक्त किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था कि इन्वेस्टिगेशन इतनी तेजी से हो सकती है. लेकिन IPS किशोर कुणाल के इस जज्बे का बिहार का हर आदमी कायल हो गया.

जब सीएम का आया था कॉल…

किशोर कुणाल ने अपनी किताब में लिखा है कि इस केस में उनके कुछ सीनियर अफसरों ने उनके साथ ऐसा बर्ताव किया, मानो सच का पता लगाना अधर्म हो. उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि खुद तत्कालीन सीएम जगन्नाथ मिश्र ने उन्हें फोन किया और पूछा कि बॉबी कांड का क्या मामला है? इस पर किशोर कुणाल ने उन्हें जवाब दिया कि आप चरित्र के मामले में अच्छे हैं, सर इसमें पड़िएगा तो इतनी तेज आग है कि हाथ जल जाएंगे. इसके बाद तत्कालीन सीएम ने फोन रख दिया.

एक खबरिया वेबसाइट के अनुसार अदालत को दिए बयान में बॉबी की कथित मां ने बताया था कि बॉबी को कब और किसने जहर दिया था. IPS कुणाल की इन्वेस्टिगेशन से ये बात साफ हो गई कि श्वेतानिशा उर्फ बॉबी की मौत हादसा या खुदकुशी नहीं बल्कि हत्या थी. इस कांड के खुलासे के लिए खुद तत्कालीन मुख्य सचिव ने भी उन्हें बधाई दी. लेकिन कहा जाता है कि इसी बीच तत्कालीन सीएम पर दो मंत्रियों और कई विधायकों ने सीबीआई जांच का दबाव बनाया. यहां तक की सरकार गिराने की भी धमकी दी गई. अंततः जांच सीबीआई को सौंप दी गई.

यह भी पढ़ें :-  60 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद पार्श्वनाथ लैंडमार्क के सीईओ को पुलिस ने IGI एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार

जांच हुई और आखिर में सीबीआई से आरोपियों को अभयदान मिल गया. जांच में आरोपी दोषमुक्त करार दिए गए. लेकिन आज भी जब इस हत्याकांड की चर्चा होती है तो किशोर कुणाल के बारे में लोग भी कहते हैं कि भाई IPS देखा लेकिन कुणाल साहब जैसा नहीं देखा, कब्र से ही लाश निकाल ली थी. भले ही इस केस को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका. लेकिन आखिर में किशोर कुणाल ने इतना तो साबित कर ही दिया कि एक पुलिसवाला चाहे तो उलझे से उलझे केस की बखिया उधेड़ कर रख दे, और कोई उसे रोक न पाए.


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button