सड़कों पर बिखरीं चप्पलें, पत्थर, जली गाड़ियां… मस्जिद सर्वे पर कैसे संभल में बवाल, जानें पूरा अपडेट
संभल:
उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद का आज फिर सर्वे करने एक टीम पहुंची थी. इस दौरान पहले पत्थरबाजी हुई और फिर आगजनी में कई वाहनों को राख कर दिया गया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया. अधिकारियों ने बताया कि 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है. स्थिति अब काबू में है. सर्वे टीम को मस्जिद में सुबह 7 बजे पहुंचना था, लेकिन इसमें कुछ देरी हुई. मस्जिद के अंदर सर्वे की टीम जब अपना काम कर रही थी, तब बाहर माहौल गरमा रहा था. ऐसा लग रहा था कि भीड़ किसी भी वक्त हिंसक हो सकती है. कुछ देर बाद ही लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. लेकिन पुलिस इस स्थिति के लिए तैयार थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे. मस्जिद के अंदर लगभग ढाई घंटे तक सर्वे टीम मौजूद रही और इसके बाद पुलिस ने उन्हें सुरक्षित वहां से निकाल लिया. इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी.
पत्थरबाजी… गाडि़यों को फूंका
अदालत के आदेश पर हुए सर्वे का काम पूरा होने के बाद सर्वे टीम को ज़िला प्रशासन ने सुरक्षित तरीक़े से निकाल लिया. संभल में कोर्ट के आदेश पर हो रहे सर्वे के दौरान जब स्थिति बिगड़ी, लोगों ने पथराव किया, कुछ गाडि़यों को आग के हवाले कर दिया. बताया जा रहा है कि मस्जिद के आसपास हजारों लोगों की भीड़ जुट गई थी. स्थिति को बिगड़ता देख मौके पर डीआईजी मुरादाबाद मुनिराज के साथ-साथ एडीजी जोन बरेली रमित शर्मा भी पहुंच गए. यहां पुलिस के अलावा पीएसी और आरएएफ़ की तैनाती की गई है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि मौके पर हालात पूरी तरह से काबू में हैं. कोर्ट के आदेश पर हो रहे सर्वे के दौरान कुछ लोगों ने पत्थरबाजी की, जिन लोगों ने पत्थरबाजी की उनकी पहचान कर कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, किया लाठीचार्ज
संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को सर्वेक्षण का कार्य दूसरी बार शुरू हुआ, लेकिन इस बीच अराजक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हल्का बल प्रयोग किया. एक अधिकारी ने बताया कि 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिलों में आग लगाने की भी कोशिश की. एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था, जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है.
ड्रोन, सीसीटीवी फुटेज से की जाएगी उपद्रवियों की पहचान
संभल की जिला अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था. स्थानीय प्रशासन के अनुसार, विवादित स्थल पर अदालत के आदेश के तहत ‘एडवोकेट कमिश्नर’ ने दूसरी बार सर्वेक्षण कार्य सुबह सात बजे के आसपास शुरू किया और इस दौरान मौके पर भीड़ जमा होने लगी. पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा, “घटनास्थल के पास एकत्रित भीड़ में से कुछ उपद्रवी बाहर आए और उन्होंने पुलिस दल पर पथराव किया. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे.” पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ड्रोन, सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से लोगों की पहचान की जाएगी. उन्होंने कहा कि पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से एक-दो पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा- डीजीपी
जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेसिया ने कहा, “हमने पथराव की घटना के सिलसिले में करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया और अब उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, संभल में पथराव और आगजनी पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा, “संभल में स्थिति नियंत्रण में है और हम हालात पर नजर रख रहे हैं. स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर हैं. जल्द ही असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
29 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी सर्वे रिपोर्ट
संभल में सर्वेक्षण स्थल के पास कथित तौर पर पुलिस पर पथराव करते युवाओं के वीडियो सार्वजनिक हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के वकील एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों से कहा, “दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) चंदौसी के आदेश पर ‘एडवोकेट कमिश्नर’ ने सुबह 7.30 से 10 बजे तक सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया, वहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पूरी हुई और अब ‘एडवोकेट कमिश्नर’ 29 नवंबर तक अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.” इसके पहले जैन ने बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने बताया था कि अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे. जैन ने पिछले मंगलवार को कहा था कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और संभल के जिला मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया गया है.
बाबरनामा में मस्जिद की जगह मंदिर का जिक्र
विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद सहित पूजा स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है. हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि अदालत में दाखिल उनकी याचिका में कहा गया है कि ‘बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर आज जामा मस्जिद है, वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था.’ उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था.
अखिलेश यादव ने उठाए सर्वे पर सवाल
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, “संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है. सुप्रीम कोर्ट ने 1991 में एक आदेश में कहा था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर बने रहेंगे.” सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी संभल विवाद पर सरकार को घेरा है. अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि जब एक बार सर्वे हो गया था, तो फिर दोबारा सर्वे करने की जरूरत क्यों पड़ी. कोई दूसरे पक्ष को सुनने वाला नहीं है, ऐसा लग रहा है.
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