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एसएम कृष्णा दूरदर्शी व्यक्ति थे, उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता: डीके शिवकुमार

(फाइल फोटो)


बेंगलुरु:

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एसएम कृष्णा का आज सुबह 2:45 बजे निधन हो गया है. उन्होंने बेंगलुरु स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली. राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एसएम कृष्णा के निधन पर दुख जताया है. पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के निधन के बाद डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “लोगों को दोपहर 3:00 बजे उनके अंतिम दर्शन की अनुमति दी जाएगी. सबको दर्शन करवाएंगे, पारिवारिक अनुष्ठान एक घंटे तक चलेगा. उसके बाद शाम 4:00 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.”

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे एक महान दूरदर्शी व्यक्ति थे. अगर मैं अपने रिश्ते और राज्य के लिए उनके योगदान के बारे में बात करूं, तो यह घंटों तक चलेगा. उनकी वजह से ही नम्मा मेट्रो संभव हो पाई. उनका मध्याह्न भोजन प्रोग्राम, किसानों के लिए भोजन उपलब्ध कराने और बेंगलुरु को ग्लोबल मैप (वैश्विक मानचित्र) पर लाने का विजन और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा.

डिप्टी सीएम ने कहा कि उन्होंने शासन का एक मॉडल दिखाया. उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने हम सभी के लिए एक बड़ी विरासत छोड़ी है. भूल जाइए कि वे मेरे रिश्तेदार हैं, उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है.

बता दें कि 1932 में जन्में एसएम कृष्णा का आज सुबह 2:45 बजे निधन हो गया.उनके पार्थिव शरीर को आज मद्दुर ले जाया जाएगा. वे साल 1999 से 2004 कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. वहीं साल 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे थे. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कृष्णा को 22 मई 2009 को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया था और 23 मई 2009 को उन्हें विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. मार्च 2017 में एसएम कृष्णा कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. साल 2023 में सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.

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