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Solar Eclipse : मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा में दिखा दुर्लभ पूर्ण सूर्य ग्रहण

मेक्सिको के समुद्र तटीय शहर माजातलान उत्तरी अमेरिका में सूर्य ग्रहण देखने का पहला प्रमुख स्थान था. वहीं आंशिक सूर्य ग्रहण मेक्सिको के साथ दक्षिणी सीमा पर ईगल पास के नजदीक दक्षिणी टेक्सास में शुरू हुआ, जहां से अमेरिका में इस ग्रहण की शुरुआत हुई. 

2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण एक ऐतिहासिक खगोलीय घटना रही क्योंकि अब अगस्त 2044 तक अमेरिका में यह फिर से दिखाई नहीं देगा और एक वलयाकार सूर्य ग्रहण उस वक्‍त होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्‍वी के बीच आ जाता है, लेकिन चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से पूरी तरह से ढक नहीं पाता है. ऐसा सूर्य ग्रहण 2046 तक दुनिया के इस हिस्से में दोबारा दिखाई नहीं देगा. 

इससे पहले, सीएनएन ने बताया था कि मेक्सिको के प्रशांत तट पथ पर समग्रता का पहला बिंदु है. स्थानीय समय के मुताबिक, सुबह 11:07 बजे सूर्य ग्रहण शुरू होने और न्यूफाउंडलैंड के अटलांटिक तट पर शाम 5 बजे समाप्त होने की उम्मीद जताई थी. 

NASA ने सूर्य ग्रहण के दौरान सुरक्षा पर दिया जोर 

इससे पहले, नासा ने पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने के दौरान सुरक्षा पर जोर देते हुए एक्स पर एक पोस्ट साझा किया था, जिसमें कहा गया था, “हम चाहते हैं कि आप पूर्ण सूर्य ग्रहण देखें. हम नहीं चाहते कि यह आखिरी चीज हो जिसे आप देखें.” नासा ने इस बात पर जोर दिया कि सूर्य को देखने के लिए आंखों की विशेष सुरक्षा के बिना सीधे सूर्य को देखना सुरक्षित नहीं है.

इसके अलावा, सूर्य ग्रहण के आश्चर्यजनक दुष्प्रभावों में से एक इसकी मौसम को बदलने की क्षमता है. हालांकि सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी अपनी सीमाएं हैं.

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तापमान, हवा की गति और आर्द्रता में परिवर्तन तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के सामने से गुजरता है और सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी की सतह पर छाया डालता है. 

समग्रता के पथ पर 10 डिग्री गिर जाता है तापमान 

समग्रता के पथ में तापमान करीब 10 डिग्री तक गिर जाता है. इसके अतिरिक्त अधिक आर्द्रता भी महसूस होने लगती है और हवाएं और बादलों का आवरण कम हो सकता है.

सीएनएन के अनुसार, ग्रहण के दौरान सूर्य को देखकर वैज्ञानिक इस अवधारणा को बेहतर तरीके से समझते हैं कि सूर्य से सोलर मैटेरियल कैसे प्रवाहित होता है. 

प्‍लाज्‍मा के रूप में जाने जाने वाले आवेशित कण अंतरिक्ष के मौसम का निर्माण करते हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल की ऊपरी परत आयनमंडल के साथ संपर्क करता है. पृथ्‍वी की निचली कक्षा के उपग्रह और रेडियो तरंगें आयनमंडल में संचालित होती हैं, जिसका अर्थ है कि अंतरिक्ष के बदलते मौसम का जीपीएस और लंबी दूरी के रेडियो कम्‍युनिकेशन पर प्रभाव पड़ता है. 

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