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नीट पेपर लीक मामले के पीछे 'सॉल्‍वर गैंग', मास्‍टर माइंड रवि अत्रि गिरफ्तार


नई दिल्ली:

नीट पेपर लीक मामले (NEET Paper Leak Case) को लेकर देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच नीट यूजी 2024 परीक्षा (NEET-UG 2024 Exam) पेपर लीक मामले के कथित मास्टरमाइंड रवि अत्रि को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (Uttar Pradesh Special Task Force) ने गिरफ्तार कर लिया है. ग्रेटर नोएडा के नीमका गांव का रहने वाला अत्रि पेपर लीक के ऐसे मामले में फंसा है, जिसने मेडिकल एज्‍यूकेशन के लिए भारत की सबसे प्रतिस्‍पर्धी परीक्षाओं में से एक की विश्‍वसनीयता पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.  

यह विवाद उस वक्‍त शुरू हुआ जब NEET-UG परीक्षा में 67 छात्रों ने 720 में से 720 अंक हासिल किए. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) ने इसके लिए दोषपूर्ण प्रश्‍नों और कुछ केंद्रों पर पेपर वितरण में देरी के चलते ग्रेस अंक दिए जाने को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि बिहार पुलिस की जांच में पता चला कि परीक्षा के पेपर को कुछ चुनिंदा परीक्षार्थियों को लीक कर दिया गया था. 

5 मई को नीट यूजी परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसमें करीब 24 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी. वहीं परीक्षा का परिणाम समय से पहले 4 जून को जारी कर दिया गया था. एनटीए की सफाई के बावजूद पेपर लीक के आरोप जारी रहे और जमकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले. साथ ही यह मामला कोर्ट तक भी पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में हस्‍तक्षेप किया और इस मामले को सही ढंग से नहीं संभालने के लिए एनटीए को फटकार भी लगाई.  

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विभिन्‍न परीक्षाओं के पेपर लीक में आ चुका है नाम 

इस मामले के केंद्र में रवि अत्रि को बताया जा रहा है. अत्रि को विभिन्‍न राज्यों में विभिन्‍न परीक्षाओं के पेपर लीक में कथित संलिप्तता के लिए जाना जाता है. उसकी कार्यप्रणाली में कथित तौर पर ‘सॉल्वर गैंग’ नामक नेटवर्क के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हल किए गए प्रश्नपत्र अपलोड करना शामिल है. अत्रि को 2012 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक करने में उसकी कथित भूमिका के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार भी किया था. 

बिहार पुलिस ने राज्य के बाहर भी अपनी जांच का विस्तार करते हुए एक छात्र और सहयोगियों सहित पेपर लीक मामले से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान अत्रि के साथ संबंध सामने आए, जिसके बाद आखिरकार यूपी एसटीएफ ने उसे पकड़ लिया. 

PGI रोहतक में लिया था दाखिला 

2007 में अत्रि के परिवार ने उसे मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा भेजा था. अत्रि ने 2012 में परीक्षा पास कर ली और पीजीआई रोहतक में दाखिला ले लिया. हालांकि चौथे साल में अत्रि परीक्षा में शामिल नहीं हुआ. अधिकारियों ने कहा कि तब तक वह ‘एग्‍जाम माफिया’ के संपर्क में आ चुका था और अन्य उम्मीदवारों के स्‍थान पर परीक्षा में बैठता था. उसने लीक पेपरों को छात्रों के बीच प्रसारित करने में भी अहम भूमिका निभानी शुरू कर दी.

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