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कोई कार की डिग्गी में भरकर ले जा रहा, कोई ऑटो में! बकरीद पर बकरों की SALE देखिए

हर साल उत्तर प्रदेश के बरेली, अमरोहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बदायूं के अलावा हरियाणा और राजस्थान से भी बकरा व्यापारी दिल्ली के अलग-अलग इलाके में लगने वाली बकरा मंडियों का रुख करते हैं.

पुरानी दिल्ली के मीना बाजार, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, शास्त्री पार्क, जहांगीरपुरी और ओखला आदि इलाकों में बकरों की मंडियां लगती हैं. मंडियों में, ‘तोतापरी’, ‘बरबरा’, ‘मेवाती’, ‘देसी’, ‘अजमेरी’ और ‘बामडोली’ जैसी नस्लों के बकरे बिक्री के लिए लाए गए हैं.

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जामा मस्जिद के पास मीना बाजार में किलोग्राम के हिसाब से बकरों का कारोबार कर रहे फैज़ान आलम ने कहा कि इस बार ‘तोतापरी’, ‘बरबरा’, ‘मेवाती’ नस्ल के बकरे 500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचे जा रहे हैं. उनके मुताबिक, तौल के हिसाब से यह जानवर खरीदना कद-काठी देखकर बकरा खरीदने से सस्ता पड़ता है.

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 ‘मेवाती’ और ‘तोतापरी’ नस्ल का 70 किलोग्राम का बकरा 35 हजार रुपये का पड़ जाएगा, जबकि बिना तौल से खरीदेने पर 50-55 हजार रुपये से कम का नहीं होगा. ‘मेवाती’ और ‘तोतापरी’ नस्ल के बकरे ऊंचे और ह्ट्टे-कट्टे होते हैं तथा उनके कान लंबे-लंबे होते हैं. ‘तोतापरी’ नस्ल के बकरे के नीचे के दांत बाहर और ऊपर के दांत अंदर की तरफ होते हैं.

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एक कारोबारी ने कहा किलोग्राम के हिसाब से बकरों के व्यापार से आम आदमी को फायदा होता है, क्योंकि उसे अंदाज़ा हो जाता है कि उसने कैसे और कितना भारी पशु लिया है. (भाषा इनपुट के साथ)


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