कभी-कभी राजतिलक की प्रतीक्षा करते-करते व्यक्ति वनवास में चला जाता है : शिवराज सिंह चौहान
Madhya Pradesh: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan ) ने कहा कि कभी-कभी व्यक्ति ‘राजतिलक’ की प्रतीक्षा करते-करते वनवास में चला जाता है. नवंबर 2023 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत के बाद पार्टी ने चौहान की जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री चुना. शिवराज सिंह चौहान चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. चौहान मंगलवार शाम अपनी बुधनी विधानसभा सीट के अंतर्गत शाहगंज शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भावुक हो गए और कहा कि वह लोगों खासकर अपनी बहनों के बीच बने रहेंगे. इस दौरान दर्शकों में बैठीं कुछ महिलाओं ने कहा, ‘‘भैया हमें अकेला छोड़कर कहीं मत जाओ’. इस पर चौहान ने कहा, ‘‘मैं कहीं नहीं जाऊंगा. मैं यहीं जिऊंगा और यहीं मरूंगा.”
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए सभी कार्यों को वर्तमान सरकार पूरा करेगी, जिनमें लाडली बहना योजना (महिला कल्याण के लिए), लाडली बहना योजना के लाभार्थियों के लिए आवास योजना, प्रत्येक परिवार में एक नौकरी की योजना और किसानों से किए गए वादे शामिल हैं. चौहान ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘नई सरकार इन सभी कार्यों को आगे बढ़ाएगी. कहीं न कहीं कोई बड़ा उद्देश्य होगा, कभी-कभी जब तक ‘राजतिलक’ का समय आता है, व्यक्ति वनवास में भी चला जाता है। लेकिन यह सब, किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए होता है.” उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार इन सभी योजनाओं को लागू करेगी क्योंकि राज्य में कांग्रेस की नहीं बल्कि भाजपा की सरकार है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दर्शकों में शामिल बच्चे ‘‘मामा” (चौहान ‘‘मामा” के संबोधन से लोकप्रिय हैं) के प्रति अपना प्यार दिखाने आए थे. इससे पहले शाहगंज पहुंचने पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और महिलाओं ने चौहान का स्वागत किया. चौहान ने बुधनी विधानसभा सीट से अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी विक्रम मस्तल पर 1.04 लाख से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीता. नवंबर 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 230 सीटों में से 163 सीटें हासिल कर शानदार जीत दर्ज की और राज्य में सत्ता बरकरार रखी. विपक्षी दल कांग्रेस 66 विधानसभा क्षेत्रों में जीत के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गया, जबकि एक सीट भारत आदिवासी पार्टी ने जीती.
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