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दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति यून गिरफ्तार, अदालत में समर्थकों ने की तोड़फोड़, कई गिरफ्तार


सियोल:

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. जांचकर्ताओं ने महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने के लिए अदालत से वारंट जारी कर दिया है. इसके बाद पुलिस ने उन्‍हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया. 15 जनवरी को राष्‍ट्रपति यून को उनके घर पर हिरासत में लिया गया था और पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत केंद्र में ले जाया गया था. दक्षिण कोरिया के संवैधानिक इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी वर्तमान राष्ट्रपति को गिरफ्तार किया गया है. 

गिरफ्तारी के बाद अदालत में तोड़फोड़

राष्‍ट्रपति यून को गिरफ्तार करने के फैसले से सियोल पश्चिमी जिला अदालत में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जहां उनके दर्जनों समर्थकों ने अदालत के मुख्य दरवाजे और खिड़कियों को तोड़ दिया. प्रदर्शनकर्ताओं ने प्लास्टिक की कुर्सियों और पुलिस बैरिकेड्स का इस्‍तेमाल किया, जिनसे वे पुलिस से बचने में कामयाब रहे. कुछ लोग इमारत के अंदर घुस गए और उन्हें वस्तुओं को फेंकते हुए देखा गया. अदालत में दंगाइयों से निपटने के लिए सैकड़ों पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है. लगभग 90 प्रदर्शनकारियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि कुछ घायल पुलिस अधिकारियों का एम्बुलेंस वैन में इलाज करते देखा गया. हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई कि अदालत का कोई कर्मचारी घायल हुआ है या नहीं.

राष्‍ट्रपति यून पर सत्ता का गलत इस्तेमाल करने का आरोप

दक्षिण कोरिया के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने बताया कि राष्‍ट्रपति यून पर विद्रोह का नेतृत्व करने और सत्ता का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है. इसने कथित अपराधों की गंभीरता और फिर से होने के जोखिम को वारंट मांगने के कारणों के रूप में जिक्र किया था. हिरासत में लिए जाने के बावजूद राष्‍ट्रपति यून ने पूछताछ के लिए उपस्थित होने से इनकार कर दिया था. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपनी हिरासत की वैधता की समीक्षा के लिए सोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक अनुरोध दायर किया था, लेकिन अदालत ने गुरुवार रात को अनुरोध को खारिज कर दिया और उन्हें हिरासत में ही रखा गया.

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बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया. मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा. हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया. नेशनल असेंबली राष्ट्रपति यून सुक-योल और उनकी जगह लेने वाले कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है. उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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