खेल मंत्रालय ने WFI को किया सस्पेंड, बृजभूषण सिंह का संन्यास; पद्मश्री वापस ले सकते हैं बजरंग पूनिया

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं कुश्ती संघ से संन्यास ले चुका हूं.
नई दिल्ली :
केंद्र ने नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है. नए अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं गोंडा में कराने की घोषणा के बाद खेल मंत्रालय ने यह कदम उठाया है. खेल मंत्रालय के इस कदम का शीर्ष एथलीटों ने स्वागत किया है तो दूसरी ओर भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान किया है. साथ ही इस पूरे घटनाक्रम के बाद पहलवान बजरंग पूनिया अपना पद्मश्री वापस ले सकते हैं. इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया. खेल मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि नवनिर्वाचित निकाय “खेल संहिता की पूरी तरह से उपेक्षा करते हुए पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण प्रतीत होता है.”
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नवनिर्वाचित संस्था ने पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी.
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बृजभूषण शरण सिंह ने फेडरेशन को सस्पेंड किए जाने पर ऐतराज जताते हुए अपने संन्यास की घोषणा की. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “मैं कुश्ती संघ से संन्यास ले चुका हूं. अब सरकार के फैसले पर जो भी बात करनी होगी, वो नई फेडरेशन करेगी. मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. मैं सांसद हूं और अपने काम पर फोकस करूंगा.”
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डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित संस्था को खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किये जाने के बाद यहां फोगाट खाप पंचायत ने पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए एक बैठक की और कहा कि अगर खिलाड़ियों के साथ ज्यादती हुई तो खाप उनके पक्ष में अग्रणी भूमिका निभायेगी. फोगाट खाप ने सरकार से खेल महासंघ के अध्यक्ष पद पर न सिर्फ खिलाड़ी की नियुक्ति करने बल्कि महिला खिलाडिय़ों की कोच महिला ही नियुक्त करने की मांग की. रविवार को चरखी दादरी के स्वामी दयाल धाम पर फोगाट खाप की कार्यकारिणी बैठक प्रधान बलवंत नंबरदार की अध्यक्षता में हुई.
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डब्ल्यूएफआई चुनाव के फैसले आने के तुरंत बाद साक्षी, बजरंग और विनेश फौगाट ने प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसमें साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया था. वहीं पूनिया ने एक दिन बाद ‘एक्स’ पर बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं अपना पद्मश्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरा बयान है.” हालांकि समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, बृजभूषण सिंह के संन्यास के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने भी पद्मश्री सम्मान वापस लेने की बात कही है.
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ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने देरी कर दी. विजेंदर सिंह, जो एक कांग्रेस नेता भी हैं, उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “भाई छोरी की कुश्ती छुड़वा दी छोरे के पद्म श्री ले लिया अब बोले की फेडरेशन रद्द करदी यो काम पहले ही कर देते.”
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डब्ल्यूएफआई को खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किये जाने के बाद द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर फोगाट ने कहा कि यह बहुत बढ़िया फैसला है. महिला पहलवान गीता और बबीता के पिता फोगाट ने कहा, ‘‘खेल मंत्रालय का यह फैसला बहुत बढ़िया है. इससे खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ेगा. चुनाव से पहले ही दिख रहा था कि ये होगा और हुआ भी वही, लेकिन अब सरकार ने जो फैसला लिया है, वो बिल्कुल ठीक है.”
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इस मुद्दे पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा था, ‘‘इन चैंपियन पहलवानों ने 1.4 अरब भारतीय नागरिकों का गौरव बढ़ाया. आज, हमारा सिर शर्म से झुक गया है कि उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया है क्योंकि उनके खिलाफ यौन हिंसा का अपराधी अपने एक प्रतिनिधि के माध्यम से भारतीय कुश्ती चला रहा है.”
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डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय सिंह ने गुरुवार को चुनाव के बाद डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने थे और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की थी.
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इससे पहले, देश के कुछ पहलवानों ने बृजभूषण पर कई महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था. उन्होंने 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा नदी में बहाने का फैसला किया था लेकिन किसान नेताओं ने उन्हें ऐसा कदम न उठाने के लिए मना लिया था.