स्टालिन ने लोकसभा के निष्पक्ष परिसीमन की वकालत की, विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग

द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को लोकसभा परिसीमन मुद्दे पर राजनीतिक और कानूनी कार्य योजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का समर्थन किया. उन्होंने ‘‘निष्पक्ष परिसीमन” की वकालत करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाए गए कदमों में कोई समस्या नहीं है.
लोकसभा परिसीमन के मुद्दे पर संयुक्त कार्रवाई समिति की पहली बैठक
संयुक्त कार्रवाई समिति की पहली बैठक को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि अगली जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का आगामी या भविष्य में होने वाला जनसंख्या आधारित परिसीमन कुछ राज्यों को बहुत अधिक प्रभावित करेगा.
केरल, पंजाब, तेलंगाना के सीएम सहित कई नेता हुए शामिल
बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए़ रेवंत रेड्डी के अलावा कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के वरिष्ठ नेता के टी रामाराव शामिल हुए.
जनसंख्या नियंत्रित करने वाले राज्यों का प्रतिनिधित्व घट जाएगाः स्टालिन
स्टालिन ने कहा कि जिन राज्यों ने विभिन्न सामाजिक पहलों और प्रगतिशील कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जनसंख्या को नियंत्रित किया है, वे इस कवायद के कारण संसदीय प्रतिनिधित्व में काफी कमी महसूस करेंगे. मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि इस बात को सबसे पहले समझते हुए उन्होंने पांच मार्च, 2025 को तमिलनाडु के सभी दलों की एक बैठक बुलाई.
मौजूदा जनसंख्या के आधार पर तमिलनाडु को 8 सीटों का नुकसान
स्टालनि ने आगे कहा, ‘‘मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि मौजूदा जनसंख्या के आधार पर मौजूदा 543 सीटों को घटाया जाता है, तो तमिलनाडु को आठ सीटों का नुकसान होगा. यदि संसद में सीटों की कुल संख्या बढ़ाई जाती है, तो वर्तमान प्रतिनिधित्व के अनुसार वास्तविक वृद्धि की तुलना में तमिलनाडु को 12 सीटों का नुकसान होगा. मैंने कहा कि यह हमारे राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर सीधा प्रहार होगा.”
At the First #JointActionCommittee Meeting, key resolutions were adopted demanding transparent delimitation, protection for States that controlled population, and constitutional amendments to ensure #FairDelimitation.
The next #JAC meeting will be held in Hyderabad. pic.twitter.com/xXuo701hMu
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 22, 2025
अमित शाह का बयान अस्पष्ट और भ्रामक
द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि अगले दिन, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोयंबटूर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी राज्य आनुपातिक आधार पर संसदीय सीटें नहीं खोएंगे और यह ‘‘अस्पष्ट एवं भ्रामक” था.
पीएम मोदी के बयान का भी किया जिक्र
स्टालिन के अनुसार, प्रधानमंत्री ने निम्नलिखित टिप्पणी की थी :‘‘कांग्रेस पार्टी कह रही है कि जाति जनगणना कराई जानी चाहिए और समुदायों को जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए. अगला कदम परिसीमन है. यदि संसद निर्वाचन क्षेत्रों को वर्तमान जनसंख्या के आधार पर बदल दिया जाता है जैसा कि कांग्रेस पार्टी कह रही है, तो दक्षिणी राज्य 100 सीटें खो देंगे. क्या दक्षिण भारत के लोग इसे स्वीकार करेंगे.”
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी की इस टिप्पणी के आधार पर, यह समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री ने खुद ‘‘स्वीकार” किया है कि निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या कम हो जाएगी.