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महाराष्ट्र में फिर गरमाया स्ट्रांगरूम में सेंधमारी का मुद्दा, शरद गुट के उम्मीदवार ने VIDEO पोस्ट कर उठाये सवाल

महाराष्ट्र में एकबार ईवीएम का मुद्दा फिर गरमाया है. महाराष्ट्र की अहमदनगर लोकसभा सीट से एनसीपी शरद पवार गुट के उम्मीदवार नीलेश लंके ने बुधवार को सीसीटीवी वीडियो के माध्यम से दावा किया कि एक व्यक्ति ने त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को पार करते हुए एक गोदाम में रखी ईवीएम मशीनों तक पहुंचने की कोशिश की. वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों पर भी सवाल खड़े किए हैं.

अहमदनगर लोकसभा क्षेत्र के शरद पवार गुट के उम्मीदवार निलेश लंके ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए स्ट्रांग रूम में रखी हुई EVM मशीनों की सुरक्षा का मुद्दा फिर गर्म कर दिया है. सीसीटीवी वीडियो में दिख रहे इस शख़्स को लेकर निलेश ने स्ट्रॉग रूम के बाहर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ा सवाल खड़ा किया.



शरद पवार गुट के उम्मीदवार नीलेश लंके ने कहा कि एक व्यक्ति तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को आसानी से तोड़ते हुए उस गोदाम तक पहुंच गया, जहां ईवीएम रखी गई हैं. उस व्यक्ति ने सीसीटीवी कैमरों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की, लेकिन मेरे सहयोगियों ने समय पर हस्तक्षेप किया. अगर मेरे सहयोगी उस व्यक्ति को पकड़ सकते हैं, तो मुझे आश्चर्य है कि त्रिस्तरीय सुरक्षा प्रणाली अज्ञात व्यक्ति को कैसे नहीं रोक सकी. क्या इसका मतलब यह है कि व्यवस्था अपने आप में पक्षपातपूर्ण है और लोकतंत्र को हानि पहुंचाने की कोशिश की जा रही है? प्रशासन खुली आंखो से यह सब देख रहा है.

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शरद पवार के निलेश लंके अहमदनगर लोकसभा सीट से भाजपा के सुजय विखे पाटिल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. शरद पवार गुट ने हाल ही में पुणे जिले में एक गोदाम में करीब तीस मिनट के लिए सीसीटीवी कैमरे बंद होने का आरोप लगाया था, जहां बारामती लोकसभा क्षेत्र की ईवीएम रखी गई हैं. इसके कारण रोहित पवार और शरद पवार गुट के कार्यकर्ता आक्रामक हो गए थे.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरदचंद्र गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कड़ा विरोध जताया. एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि नीलेश लंके हो या रोहित पवार हम लगातार सवाल उठा रहे हैं कि जहां ईवीएम होती है वहां लोग कैसे चले जाते हैं? जब उसे सील कर दिया गया तो उसे अंदर आने की इजाजत कैसे दी गई? तमाम शंकाएं पैदा हो रही हैं.

शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट ने कहा कहा कि जहां ऐसी घटना हुई है. वहां देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. सज़ा तो मिलनी ही चाहिए. लेकिन कुछ मांगें करते वक्त सबूत भी मुहैया कराने चाहिए. 

केंद्रीय सुरक्षा, राज्य सुरक्षा और स्थानीय पुलिस की तिहरी सुरक्षा भेद कर कोई व्यक्ति ईवीएम के स्ट्रॉग रूम के शटर के इतने क़रीब कैसे चला गया? ये पहेली बना हुआ है. इधर ऐसी घटनाओं के कारण महाविकास आघाडी चुनाव आयोग पर हमलावर है.


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