78 साल बाद ऐसे हालत… IMD का रेड अलर्ट, क्यों डरा रहा समंदर में उठ रहा 'असना'
कच्छ:
Gujarat Rain: गुजरात में प्रकृति का डबल अटैक. भारी बारिश के बीच अब चक्रवाती तूफान ‘असना’ गुजरात के कई तटीय इलाकों में कहर बरपा सकता है. मौसम विभाग ने लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. गुजरात बाढ़ से बदहाल है. पिछले 4 दिनों से कई इलाकों में भारी बारिश ने कहर बरपा रखा है. इस दौरान करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ की वजह से लोग अपना घर तक छोड़ने को मजबूर हैं. एनडीआरएफ और वायुसेना लगातार राहत-बचाव कार्य में लगे हैं. बड़ी तादात में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. गुजरात के कई जिलों में हालात इतने खराब हैं कि वहां, सेना को मोर्चा संभालना पड़ा है. अब चक्रवाती तूफान असना से लोगों को बचाने के लिए प्रशासन युद्ध स्तर पर काम कर रहा है.
तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का अनुमान
अहमदाबाद के वलसाड और बनासकांड़ा जैसे शहरों में जल तांडव देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए भी गुजरात के लिए बारिश की चेतावनी जारी की है. कच्छ, मोर्बी, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. बारिश की वजह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों को भी बंद करना पड़ा है. अब भारी बारिश से बाढ़ का सामना कर रहे गुजरात को एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. अरब सागर में चक्रवाती तूफान ‘असना’ उठ गया है. मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान असना के गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तट से टकराने की आशंका जताई है. कच्छ के मांडवी, तालुका समेत कई क्षेत्रों में असना का असर देखने को मिल सकता है. इस दौरान तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है. इसे लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है और लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए कहा गया है.
असना का सबसे ज्यादा खतरा कच्छा और सौराष्ट्र में
असना चक्रवात आज कच्छा और सौराष्ट्र के तट से आज टकरा सकता है. इसके टकराने से भारी बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे पहले ही भारी बारिश की मार झेल रहे लोगों को डबल अटैक का सामना करना पड़ सकता है. इससे बाढ़ की स्थिति में और इजाफा हो सकता है. मौसम विभाग का कहना है कि कच्छ और सौराष्ट्र में मानसून के दौरान आमतौर पर 499 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार बारिश 800 मिलीमीटर हो चुकी है. ये लगभग दोगुना है. ऐसे में असना का सौराष्ट्र और कच्छ से टकराना ‘कहर’ बरपा सकता है.
78 साल बाद ऐसे हालत… IMD भी चिंतित
1946 के बाद यह पहला मौका है, जब कोई चक्रवात अगस्त के महीने में कच्छ और सौराष्ट्र में दस्तक दे रहा है. मौसम विभाग की मानें तो यह बेहद गंभीर विषय है. असना चक्रवात कितना विकराल रूप घारण कर सकता है, इसे लेकर मौसम विभाग मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मौसम विभाग ये पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि चक्रवात का प्रभाव सबसे ज्यादा किन इलाकों में और कितना हो सकता है?
सड़कें, ट्रक, पुल डूबे… घरों में घुसा पानी
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मंगलवार को वर्तमान स्थिति और जारी राहत कार्यों की समीक्षा के लिए शहर का दौरा किया, क्योंकि कुछ इलाकों में अभी भी जलभराव है और बिजली आपूर्ति बाधित है. अधिकारियों ने बताया कि पिछले चार दिनों में गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के बीच बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 17,800 लोगों को निकाला गया. भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण मंगलवार सुबह विश्वामित्री नदी खतरे के निशान (25 फुट) को पार कर गई. बुधवार को इस नदी का जलस्तर 37 फुट के निशान को छू गया और नदी के किनारे टूटने से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए. इस दौरान सड़क, ट्रक और पुल तक जलमग्न नजर आए. लोगों के घरों में भी पानी भर गया. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए कहा.
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