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दिल्ली में पहली बार ऐसी गर्मी! 70 से ज्यादा मौत, 74 साल का रेकॉर्ड भी टूट गया

क्या है अल नीनो की वजह से बढ़ी है गर्मी? 

आइये पहले हम सझते हैं कि अल नीनो कहते किसे हैं. सरल शब्दों में अगर इसे समझना चाहें तो हम कहेंगे कि ये वातावरण में होने वाला एक ऐसा बदलाव है जो समुद्र की सतह पर चलने वाली हवाओं से तय होता है. अब ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या अल नीनो की वजह से ही दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है. तो इसका जवाब है हां. दरअसल, अल नीनो के कारण ही हीट वेव का स्पेल यानी हीट वेव कितने दिनों तक रहा, उसकी संख्या बढ़ गई है. 

आखिर ये बनता कैसे है ? 

अल नीनो इफेक्ट को समझने की जरूरी है कि आप पहले इसके बनने की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझें. अलग-अलग मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार एशिया और अमेरिका के बीच फैले प्रशांत महासागर के बीच जब हवाए पूर्व से पश्चिम की तरफ चलती हैं, जिसे ट्रेड विंड्स कहा जाता है. पृथ्वी की रोटेशन की वजह से ये हवाएं ज्यादातर समय अमेरिका से लेकर ये एशिया और ऑस्ट्रेलिया की तरफ चलती हैं. इन ट्रेड विंड्स के उल्टी डायरेक्शन में चलने की एक और सबसे बड़ी वजह होती है कॉरिऑलिस इफेक्ट. चुकि धरती पश्चिम से पूर्व की तरफ घूमती है ऐसे में इस कॉरिऑलिस इफेक्ट के कारण ये हवाएं पूर्व से पश्चिम यानी उलटी दिशा में चल रही हैं.

इसकी वजह से प्रशांत महासागर की सतह पर जो पानी होता है वह पश्चिम की दिशा में बहने लगता है. यानी ऑस्ट्रेलिया की तरफ बहने लगता है. अब ऐसे में होता ये है कि जब महासागर की सतह का पानी जब पश्चिम की तरफ बहने लगता है तो ऐसे में महासागर के पूर्व की दिशा में जो पानी महासागर की सहत के नीचे था वो धीरे धीरे करके ऊपर की तरफ आता है. मतलब ये कि साउथ अमेरिका के पास समुद्र की सहत के नीचे का पानी ऊपर की तरफ आने लगता है. इस पूरी प्रकिया को अपवेलिंग कहा जाता है. 

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Photo Credit: IANS

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अब ऐसे में जो पानी समुद्र के नीचे से ऊपर की तरफ आ रहा होता है वो पहले से जो पानी ऊपर की ऊपरी सतह पर मौजूद था उसकी तुलना में ज्यादा ठंडा होता है. मतलब समुद्र के ऊपर की सतह का जो गरम पानी था वो अब ऑस्ट्रेलिया और एशिया की तरफ चला जाता है और समुद्र के नीचे का ठंडा पानी दक्षिण अमेरिका के पास समुद्र की सतह पर आ जाता है. चुकि जो पानी ऑस्ट्रेलिया और एशिया की तरफ मूव करके पहुंचा है वो गर्म है तो भाप भी जल्दी से बन जाता है. और बादल बनने की वजह से उस इलाके में या उसके आसपास के इलाकों में ज्यादा बारिश होती है. 

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दिल्ली में मौसम हुआ सुहावना, जल्द हो सकती है बारिश

दिल्ली में बीते दो दिनों से मौसम सुहावना बना हुआ है. आसमान में बादल छाए हुए हैं और रह-रहकर तेज हवाएं चल रही हैं. आसमान में बादल छाए होने की वजह से दिल्ली वालों को झुलसा देने वाली गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में एक बार फिर गर्मी का सितम बढ़ सकता है लेकिन महीने के आखिर में दिल्ली और एनसीआर में बारिश की भी संभावना जताई जा रही है. यानी अगले कुछ दिनों के बाद दिल्ली एनसीआर में मानसून की बारिश होने की संभावना है, जिससे जून के आखिर और जुलाई के पहले सप्ताह में लोगों को तपिश से राहत मिल सकती है. 


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