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सुपर-30 के आनंद कुमार ने कोरियाई पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर ली शपथ, सियोल में हुआ भव्य स्वागत


नई दिल्ली:

सुपर 30 के संस्थापक और विख्यात गणितज्ञ आनंद कुमार (Anand Kumar) को 2024 के लिए दक्षिण कोरिया पर्यटन (South Korea tourism) का मानद राजदूत (Honorary Ambassador) हाल ही में नियुक्त किया गया था.  कोरिया के गैंगवॉन राज्य में स्थित  कोरिया पर्यटन संगठन (KTO) के मुख्यालय सेग्ये-आरओ, वोनजू-सी में उन्हें विधिवत तौर पर इसकी शपथ दिलाई गयी. केटीओ के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली ने आनंद कुमार को शपथ दिलाई.  एक अन्य कार्यक्रम में आनंद कुमार का कोरिया में जोरदार स्वागत किया गया.

शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बोलते हुए, ली ने कहा कि समाज के वंचित वर्गों के छात्रों के लिए कुमार ने अग्रणी काम किया है. यही कारण है कि भारत और कोरिया दोनों में उनकी काफी लोकप्रियता है. आनंद कुमार के कार्य इतने अच्छे हैं कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन्हें कोरियाई पर्यटन के लिए ब्रांड एंबेसडर के तौर पर सेलेक्ट करने में कोई परेशानी नहीं हुई. 

ली ने आगे कहा कि इसका उद्देश्य इस अवसर का उपयोग भारत और कोरिया के युवाओं को एक-दूसरे को जानने, एक-दूसरे की संस्कृति, शिक्षा और बहुत कुछ समझने के लिए दोनों देशों के विकास और समृद्धि में भागीदार बनाने में एक दूसरे के संपर्क को बढ़ाना है. 

सियोल विश्वविद्यालय में भी आनंद कुमार की गूंज
आनंद कुमार की लोकप्रियता सियोल विश्वविद्यालय में दिन के एक अन्य कार्यक्रम में भी देखने को मिली. जिसमें उनकी पुस्तक ‘सुपर 30’ पर चर्चा हुई. गौरतलब है कि इसी किताब पर बॉलीवुड स्टार ऋतिक रोशन अभिनीत फिल्म ‘सुपर 30’. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद् और छात्र पहुंचे थे. बताते चलें कि किताब का कोरियाई भाषा में अनुवाद भी किया गया है. पुस्तक के लेखक डॉ. बीजू मैथ्यू भी समारोह में भाग लेने के लिए कनाडा से आए थे, जिसमें आनंद कुमार ने दर्शकों से सवाल पूछे और अपनी यात्रा के बारे में बताया. 

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आनंद कुमार ने कहा कि युवाओं की प्रतिक्रिया जबरदस्त थी और उन्हें ऐसा लगा कि जैसे वो भारत में ही हैं.  कुमार ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि सुपर 30 कोरिया में इतना लोकप्रिय है और इतने सारे लोगों ने यह किताब पढ़ी है. उन्होंने कहा, ”मैं इस पल को लंबे समय तक याद रखूंगा. आनंद कुमार ने कहा कि मैं केटीओ की तरफ से दिए गए अवसर में सार्थक तरीके से योगदान देने के लिए प्रतीक्षा कर रहा हूं. क्योंकि भारत और कोरिया दोनों देशों में युवाओं के लिए सीखने और आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ है. 
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शिक्षा एक शक्तिशाली माध्यम: आनंद कुमार
आनंद कुमार ने कहा कि शिक्षा एक शक्तिशाली माध्यम है, दोनों देशों के युवाओं को सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. उन्होंने कहा, “आपके लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि आप समाज को वापस देने पर ध्यान केंद्रित करें, न कि केवल नौकरी के अवसरों से संतुष्ट रहें. 

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