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अब्बास अंसारी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, फिर भी जेल में ही रहेंगे

अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत.


दिल्ली:

मऊ विधानसभा सीट से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Abbas Ansari Money Laundering Case) में मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. अदालत ने उनको जमानत दे दी है. हालांकि वह जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे, क्यों कि एक मामले में अभी उनको जमानत नहीं मिली है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लेकिन उनको जमानत मिल गई है. ईडी ने अब्बास अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया पैसे के लेनदेन का संबंध साबित होता है. मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के प्रावधानों के तहत अदालत इस बात से संतुष्ट नही है कि अभियुक्त इस मामले में निर्दोष हैं.

अब्बास अंसारी पर क्या है आरोप?

अब्बास अंसारी पर आरोप है कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म मनी लॉन्ड्रिंग में सीधे तौर पर शामिल है, फर्म ने जमीनों पर कब्जा कर गोदामों को एफसीआई को किराए पर देकर 15 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की. कंपनी पर नाबार्ड से सवा दो करोड़ रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त करने का आरोप है.

इन मामलों में अब्बास अंसारी को मिली जमानत

चित्रकूट जेल में अवैध मोबाइल रखने के मामले मे भी अदालत ने अब्बास अंसारी को जमानत दे दी है. इसके साथ ही अब्बास अंसारी को दो मामले में आज जमानत मिली है. जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि अब्बास को जांच में सहयोग करना होगा. वहीं गैंगस्टर मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है. हालांकि इस मामले में जनानत नहीं मिलने की वजह से वह फिलहाल जेल में ही रहेंगे. वकील कपिल सिब्बल ने अब्बास के लिए अंतरित जमानत की मांग की. लेकिन अदालत ने उनकी मांग को ठुका दिया.

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गैंगस्टर मामले में अब्बास अंसारी को राहत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वो गैंगस्टर मामले में जमानत याचिका पर चार हफ्ते में सुनवाई पूरी करने की कोशिश करे. वकील सिब्बल ने कहा कि अब्बास डेढ़ साल से ज्यादा समय से जेल में हैं. बता दें कि अब्बास अंसारी के खिलाफ 4 सितंबर को गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था. 



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