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महाकुंभ भगदड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने किया सुनवाई से इनकार, इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों के मामले में दायर एक याचिक पर सुनवाई से इनकार कर दिया है और याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा है. प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस दलील पर गौर किया कि इस मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहले ही एक याचिका दायर की जा चुकी है और मौजूदा याचिका की शीर्ष अदालत में सुनवाई नहीं की जानी चाहिए. शीर्ष अदालत ने भगदड़ को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना” करार देते हुए याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता विशाल तिवारी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा.

वकील विशाल तिवारी की ओर से ये याचिका दाखिल की गई थी. जनहित याचिका में प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है.

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत की बेंच को बताया कि मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है. ⁠साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है. इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में हाईकोर्ट जा सकते हैं.

‘जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो’

याचिका में केंद्र और सभी राज्यों को पक्षकार बनाया गया है. इसमें केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से काम करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. ताकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सके. याचिका में कहा गया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत यह याचिका दायर की गई है जिसमें महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकारों को दिशानिर्देश देने का अनुरोध किया गया है. याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार को भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दे.

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‘वीआईपी मूवमेंट सीमित किया जाए’

याचिका में सभी राज्यों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र मे सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है. जिससे गैर हिन्दी भाषी लोगों को सुविधा मिले. याचिका में ये भी मांग की गई है कि ऐसे आयोजनो मे वीआईपी मूवमेंट सीमित किया जाए. ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखा जाए. याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई है.

बता दें प्रयागराज में जारी महाकुंभ के दौरान संगम क्षेत्र में 29 जनवरी को भगदड़ मचने से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य लोग घायल हो गए थे.

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