पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट तीन हफ्ते बाद करेगा सुनवाई
नई दिल्ली:
West Bengal Teacher Recruitment Scam: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. कोर्ट ने सभी पक्षों को 2 हफ्ते के भीतर अपने जवाब दाखिल करने को कहा है. सीजेआई ने कहा कि अगर कोई पक्ष अपना जवाब दाखिल करना चाहे तो उसे 2 हफ्ते के भीतर या उससे पहले दाखिल करना होगा. अगर कोई जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया तो जवाबी हलफ़नामा दाखिल करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की वकील आस्था शर्मा को पश्चिम बंगाल के लिए नोडल ऑफिसर होंगी. दूसरे पक्ष से वकील शालिनी कौल ,पार्था चटर्जी और शेखर कुमार नोडल ऑफिसर होंगे.
CJI ने इस केस में कैटेगरी बनाई
(1) पश्चिम बंगाल सरकार
(2) पश्चिम बंगाल अधीनस्थ सेवा चयन आयोग
(3) मूल याचिकाकर्ता – चयनित नहीं (कक्षा 9-10, 11-12, समूह सी और डी का प्रतिनिधित्व करने वाले)
(4) वे व्यक्ति जिनकी नियुक्तियां हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई हैं
(5) सीबीआई
6) पीड़ित प्रशासनिक अधिकारी
7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 24,000 से अधिक सहायक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने के कलकत्ता एचसी के आदेश पर रोक लगा दी थी. SC ने कहा था कि सीबीआई घोटाले की जांच जारी रखेगी, लेकिन उम्मीदवारों या अधिकारियों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाएगी.
दंडात्मक कार्रवाई पर SC ने लगाई रोक!
कोर्ट ने साफ किया कि ये रोक अंतरिम रोक है. अगर SC आगे चलकर किसी व्यक्ति की नियुक्ति को गैर-कानूनी पाता है तो उसे अपना वेतन वापस करना होगा. CBI अभी इस केस में जांच कर सकती है, पर अभी कोई गिरफ्तारी जैसी दंडात्मक कार्रवाई इस जांच के आधार पर नहीं हो पाएगी.
करीब 25 हज़ार शिक्षकों/स्कूल कर्मियों की नौकरी रद्द करने के कलकत्ता HC के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने SC में याचिका दायर की है. 2016 की इन नियुक्तियों को भ्रष्टाचार के चलते कलकत्ता HC ने रद्द किया है. इसके साथ ही इन शिक्षकों को वेतन ब्याज समेत लौटाने कहा था.
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