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बुलडोजर पर सुप्रीम फैसले ने विपक्ष को दिया 'मौका', जानिए अखिलेश से लेकर ओवैसी ने क्या कहा

Supreme Court Order On Bulldozer Demolition: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Demolition) के खिलाफ दाखिल हुई याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए साफ कहा कि ये असंवैधानिक है.शीर्ष न्यायालय ने कहा कि कानून का शासन यह सुनिश्चित करता है कि लोगों को यह पता होना चाहिए कि उनकी संपत्ति को बिना किसी कारण के नहीं छीना जा सकता है. शीर्ष न्यायालय ने दोषियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन को असंवैधानिक और गैर-कानूनी बताया. इसके साथ ही कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन के संबंध में दिशा निर्देश भी तय कर दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि नोटिस के 15 दिनों के अंदर कोई भी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. इस बीच, संबंधित पक्ष को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त मौका दिया जाना चाहिए.कोर्ट ने कहा कि अगर निर्धारित प्रक्रिया को पूरी किए बगैर बुलडोजर एक्शन होगा, तो संबंधित अधिकारियों से हर्जाना भी वसूला जाएगा.

बुलडोजर का इतिहास

विपक्ष के नेताओं के इस मामले में बयान जानने से पहले जल्दी से बुलडोजर का इतिहास भी जाने लें. साल 1923 में खेती के काम को आसान बनाने के लिए बुलडोजर का निर्माण किया गया था. शुरुआत में इसका इस्तेमाल खेतों की जुताई, मिट्टी समतल करने, और कृषि में सहायक उपकरण के रूप में इस्तेमाल होता था. क्योंकि, कई जमीनें इतनी उबड़-खाबड़ होती थीं कि उन्हें सपाट करके भुरभुरी उपजाऊ जमीन में तब्दील करना बहुत मुश्किल होता था. 18 दिसंबर 1923 को अमेरिका के कंसास में एक किसान जेम्स कुमिंग्स और एक ड्राफ्ट्समैन जे अर्ल मैकलेयोड ने मिलकर पहला बुलडोजर तैयार किया था. बाद में इसकी क्षमता और ताकत के कारण इसे बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों में भी प्रयोग किया जाने लगा.

मायावती का बयान

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती (BSP Chief Mayawati) ने बुधवार को उम्मीद जताई कि बुलडोजर का “आतंक” अब निश्चित रूप से समाप्त हो जाएगा. मायावती ने एक्स पर पोस्ट किया, ”बुलडोजर से ध्वस्तीकरण के सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय के आज के निर्णय व उससे सम्बन्धित सख्त दिशा-निर्देशों के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि यूपी व अन्य राज्य सरकारें जनहित व कल्याण का समुचित व सुचारू ढंग से प्रबंधन करेंगी तथा बुलडोजरों का आतंक अब निश्चित रूप से समाप्त हो जाएगा.”

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रमुख अजय राय ने कहा कि इस फैसले से राज्य में “जंगल राज” समाप्त हो जाएगा. समाजवादी पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की और कहा कि “बुलडोजर कार्रवाई” “पूरी तरह से अन्यायपूर्ण, अनुचित, असंवैधानिक और अवैध” थी. यूपी सरकार के मंत्री ओपी राजभर ने कहा, “कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा. अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.सरकार कभी किसी की निजी संपत्ति नहीं गिराती. सार्वजनिक संपत्तियों पर अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया जाता है. यह उच्च न्यायालय का फैसला था, हम ऐसा अपनी मर्जी से नहीं करते.” राजभर की पार्टी एसबीएसपी सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी है. 

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ओवैसी ने खूब सुनाया

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने बुधवार को ‘बुलडोजर न्याय’ पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्वागत किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले “बुलडोजर राज” का जश्न मनाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने “अराजक स्थिति” कहा है. हैदराबाद के लोकसभा सदस्य ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सुप्रीम कोर्ट का #बुलडोजर निर्णय एक स्वागत योग्य राहत है. इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा इसकी वाकपटुता नहीं, बल्कि लागू करने योग्य दिशा-निर्देश हैं. उम्मीद है कि वे राज्य सरकारों को मुसलमानों और अन्य हाशिए के समूहों को सामूहिक रूप से दंडित करने से रोकेंगे.” ओवैसी ने आगे कहा, “हमें याद रखना चाहिए कि नरेंद्र मोदी ने भी बुलडोजर राज का जश्न मनाया है, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने कानूनविहीन स्थिति बताया है.”

सीपीएम नेता का बयान

सीपीएम (CPM) नेता वृंदा करात ने बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा, “‘बुलडोजर न्याय’ पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए अखिल भारतीय दिशा-निर्देश जारी किए और कहा कि कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं बन सकती, किसी आरोपी को दोषी घोषित नहीं कर सकती और उसके घर को ध्वस्त नहीं कर सकती.”

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष

बिहार कांग्रेस के एआईसीसी (Bihar Congress) प्रभारी मोहन प्रकाश ने भी अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने कहा, “यह इस सरकार की नीयत और नीति है. अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाया जाता है, लेकिन अगर किसी का नाम एफआईआर में आता है और आप उस पर बुलडोजर चलाते हैं, तो यह सरासर दुरुपयोग है…आज सुप्रीम कोर्ट ने जो कुछ भी कहा है, मुझे डर है कि सरकार इसे भी स्वीकार नहीं करेगी.” 

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “यह फैसला उन लोगों पर तमाचा है जो ‘बटेंगे तो कटेंगे’ की बात करते हैं. यह राजनीति उत्तर प्रदेश में शुरू हुई थी. एक खास समुदाय और गरीबों के खिलाफ कार्रवाई की गई…हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.”

AAP भी खुश

बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मंत्री और AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह देश संविधान से चलता है…किसी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए. बुलडोजर कार्रवाई के नाम पर चल रही यह ‘दादागिरी’ गैरकानूनी है. जहां भी बुलडोजर कार्रवाई हो रही है, वहां की सरकार और राज्यों के हाईकोर्ट को पहले ही इसका संज्ञान लेना चाहिए था…”

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अयोध्या के सांसद

‘बुलडोजर कार्रवाई’ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं…भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा जनता को परेशान किया जा रहा है…सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि जिन परिवारों के घर तोड़े गए हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाए और इसमें शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.”

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

कानपुर के सिसमऊ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) ने कहा, “…सुप्रीम कोर्ट ने इस (भाजपा) सरकार का प्रतीक बन चुके बुलडोजर के खिलाफ टिप्पणी की है. मैं सरकार के खिलाफ इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं… जो लोग घर तोड़ना जानते हैं, उनसे आप क्या उम्मीद कर सकते हैं? कम से कम आज उनका बुलडोजर गैराज में खड़ा रहेगा, अब किसी का घर नहीं टूटेगा…सरकार के खिलाफ इससे बड़ी टिप्पणी और क्या हो सकती है? हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है, एक दिन हमारे विधायक रिहा होकर हमारे बीच आएंगे और पहले की तरह काम करेंगे.” 

कांग्रेस के पूर्व मंत्री का बयान

‘बुलडोजर कार्रवाई’ पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. अश्विनी कुमार कहते हैं, “यह एक स्वागत योग्य फैसला है. यह संविधान के सभी मूल्यों को बरकरार रखता है. अपने सार में, यह फैसला व्यक्ति की निजता, सम्मान, स्वतंत्रता और समानता के अधिकार को बरकरार रखता है. यह फैसला कई अन्य फैसलों के लिए दिशा तय करेगा. मैं इस फैसले का समर्थन करता हूं… ध्वस्तीकरण करने से पहले कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए. इसीलिए न्यायालय ने अपने सिस्टम में निर्देश दिया है कि ध्वस्तीकरण कार्य शुरू करने से पहले संपत्ति के मालिक को 15 दिनों का उचित नोटिस दिया जाना चाहिए. अगर मालिक के पास संपत्ति पर कब्ज़ा करने का कोई औचित्य है और ध्वस्तीकरण के खिलाफ़ कोई बचाव है, तो वह उस बचाव के साथ आ सकता है.”

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चंद्रशेखर आजाद बरसे

‘बुलडोजर कार्रवाई’ के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा, “यह उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के मुंह पर तमाचा है कि आप बिना दोषी साबित हुए या कोर्ट के फैसले के बिना किसी का घर नहीं गिरा सकते… मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त करता हूं.”

सुप्रिया श्रीनेत ने क्या कहा

कोल्हापुर में ‘बुलडोजर कार्रवाई’ के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है और यह वास्तव में भाजपा सरकार को आईना दिखा रहा है, खासकर उत्तर प्रदेश में. देश भर में भाजपा सरकारों द्वारा की जा रही अत्यधिक मनमानी कार्रवाई, चाहे वह उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, गैरकानूनी है, नहीं होनी चाहिए. आपको दोषियों को दंडित करना चाहिए. लेकिन मनमाने ढंग से घरों को तोड़ना और ज्यादातर समाज को बांटना अनुचित है…बुलडोजर न्याय नाम की कोई चीज नहीं है. संविधान है, कानून का राज है और इस देश में यही चलेगा…”

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