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NEET पर 'सुप्रीम' सुनवाई: जानिए वकीलों ने क्या दी दलीलें, जज साहब ने क्या कुछ कहा?


नई दिल्ली:

नीट-यूजी 2024 (NEET-UG) परीक्षा मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समाने कोर्ट में वकीलों और एसजी की ओर से दलीलें दी जा रही है. अपडेट जारी है…

“हम NEET मामले पर पहले ही सुनवाई करेंगे”
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नीट मामले को शुक्रवार को सुना जा सकता है. जिस पर CJI ने कहा कि सुनवाई आज ही शुरू करते हैं. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “हम NEET मामले पर पहले ही सुनवाई करेंगे, क्योंकि लाखों छात्र इंतजार कर रहे हैं.”

“सीबीआई ने स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है”
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में कल एक और स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है, तो CJI ने कहा हां हमनें दूसरी स्टेट्स रिपोर्ट भी पढ़ी है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमें सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट नहीं दी गई है.

“ये कोई सील कवर कार्रवाई नहीं”
CJI ने कहा कि हम पार्दर्शिता की वकालत करते हैं. ये कोई सील कवर कार्रवाई नहीं है. ⁠लेकिन सीबीआई जांच चल रही है. ⁠इससे जांच प्रभावित हो सकती है. CJI ने याचिकाकर्ता को कहा की आप हमें संतुष्ट करिए की पेपर लिक बड़े पैमाने पर हुआ और परीक्षा रद्द होनी चाहिए. दूसरी इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं. उसके बाद हम SG को सुनेंगे. 

CJI ने पूछा सरकारी कॉलेजों में कितनी सीट है. याचिकाकर्ता ने कहा 56 हजार सीटें है. फिर CJI ने पूछा क्या आपके हिसाब से कुछ लोग 1 लाख 8 हजार के केटेगरी में आ गए है. आप (याचिकाकर्ता) पहले फैक्ट्स पर बात करें. 1 लाख 8 हजार में से कितने याचिकाकर्ता है? कितने छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं?

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याचिकाकर्ता ने कहा कि  34 याचिकाएं है और 4 याचिकाएं NTA की है. SC ने पूछा जो 108 अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट आए है उनमें से कितने 1 लाख 8 हजार में से है? CJI ने कहा कि इस मामले में सबसे कम अंक पाने वाले छात्र, जो सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता है. उनका मार्क कितना है?

सीजेआई ने कहा कि 38 में 6 ट्रांसफर याचिकाएं शामिल हैं. तो NTA ने कहा हां, 32 व्यक्तिगत याचिकाएं हैं. फिर CJI ने कहा कि लंच के दौरान हमें बताएं कि कितने छात्रों ने कोर्ट का रुख किया है. जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि परीक्षा की मांग करने वाले 1,08,000 के अंतर्गत हैं? सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 131 छात्र ऐसे हैं जो 1 लाख 8 हजार के अंदर नहीं आते हैं, जो दोबारा परीक्षा चाहते हैं और 254 छात्र ऐसे हैं जो 1 लाख 8 हजार के अंदर आते हैं और जो दोबारा परीक्षा का विरोध कर रहे हैं.

CJI ने NTA से 100 टॉप अंकों वालों का चार्ट मांगा है. किस सेंटर और शहर से ये अभ्यर्थी हैं. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अंकों में बढ़ोत्तरी की बात स्वीकार की गई है, लीक की बात स्वीकार की गई है. ग्राफ मैप में इस बात का संकेत नहीं है कि कोई असामान्यता नहीं है, क्योंकि, डेटा बहुत बड़ा है, जिसे पकड़ा नहीं जा सकता. 23 लाख अभ्यर्थियों के इस बड़े डेटा में बारीक भिन्नता नहीं पकडी  जा सकती.

याचिकाकर्ता ने कहा कि 571 शहरों की बात कही जा रही हैं. NTA का कहना हैं कि टॉपर्स अलग अलग शहरों से हैं. लेकिन जो डेटा देते हैं, वह सिर्फ 17 छात्रों का है. वे क्यों पीछे हट रहे हैं? अगर उन्होंने टॉप 100 की लिस्ट दी है, तो उन्हें सिर्फ 17 नहीं, बल्कि टॉप 100 के बारे में भी बताना चाहिए.

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CJI ने कहा कि छात्र केवल शहर बदल सकते है. इसका मतलब कोई भी उम्मीदवार केंद्र का चयन नहीं कर सकता और केंद्र का आवंटन सिस्टम के द्वारा ही दिया जाता है. NTA ने कहा कि परीक्षा से केवल दो दिन पहले केंद्र आवंटन किया जाता है. जिससे कोई यह नहीं जान पाता कि कौन सा केंद्र छात्र को आवंटित किया जाएगा?

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