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यूपी मदरसा ऐक्ट पर 'सुप्रीम' सुनवाई : जब CJI ने योगी सरकार से पूछा- क्या NEET दे सकते हैं मदरसे के छात्र?

यूपी मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. उत्तर प्रदेश सरकार अपना पक्ष रख रही है. इसके साथ ही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी कुछ बड़ी टिप्पणियां की हैं. CJI ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या मदरसा का कोई भी छात्र NEET की परीक्षा में शामिल हो सकता है. जानिए सुप्रीम कोर्ट के टॉप अपडेट्स..

यूपी सरकार ने मदरसा एक्ट का समर्थन किया 

  1. यूपी सरकार की तरफ से पेश हो रहे वकील ASG केएम नटराजन ने दलील दी. उन्होंने कहा कि मदरसा एक्ट के केवल उन प्रावधानों की समीक्षा होनी चाहिए जो मौलिक अधिकारों के खिलाफ हैं
  2. यूपी सरकार ने कहा कि ऐक्ट को पूरी तरह खारिज करना उचित नहीं है.
  3. ⁠एक सरकारी आदेश के अनुसार मदरसा स्कूलों को अन्य स्कूलों के समकक्ष माना गया है.

यूपी सरकार के वकील ASG के एम नटराजन ने कहा कि यूपी मदरसा ऐक्ट को कानून को पूरी तरह से रद्द करना गलत होगा. यह विधायी शक्ति का मामला नहीं है, बल्कि मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का मामला है, जिसके लिए पूरे कानून को रद्द करने की जरूरत  नहीं है. यूपी सरकार ने कहा कि ऐक्ट के केवल उन्ही प्रावधानों का परीक्षण किया जाना चाहिए जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं. सरकारी आदेश के तहत मदरसा स्कूलों को अन्य स्कूलों के ही समान माना गया है.  

CJI का बड़ा सवाल : CJI ने पूछा कि क्या मदरसा का कोई भी छात्र NEET की परीक्षा में शामिल हो सकता है?

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यूपी सरकार का जवाबः  यूपी सरकार के वकील ने कहा कि इसके लिए छात्र को फिजिक्स, कैमेस्ट्री, बायोलॉजी ( PCB ) से पास होने की जरूरत होती है.


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