दुनिया

गले में सूजन, तेज दर्द, सो नहीं पाया…कैसा होता है मंकीपॉक्स का दर्द, इस शख्स की आपबीती जान सिहर उठेंगे

‘मुझ से ही पत्नी को हो गया मंकीपॉक्स’

मंकीपॉक्स को वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी गई है. डर है कि यह अन्य देशों में भी फैल सकता है. इरम्बोना का इलाज पिछले 9 दिन से किंग खालिद यूनिवर्सिटी अस्पताल में चल रहा है. किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी मंकीपॉक्स फैलता है. इरम्बोना का लगता है कि उनसे यह संक्रमण उनकी पत्नी को भी हो गया. उनकी देखभाल भी वहीं हो रही है. 

‘दोस्त के फफोले मंकीप़क्स हैं, नहीं पता था’

इरम्बोना का कहना है कि उनको लगता है कि ये बीमारी उनके ही एक दोस्त से हुई है. उनके दोस्त के शरीर पर छाले हो गए थे, लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि यह मंकीपॉक्स है. धीरे-धीरे वह भी मंकीपॉक्स का शिकार हो गए. उनके शरीर पर भी छाले हो गए. उनकी आवाज भी धीमी हो गई थी. उन्होंने ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि शुक्र है कि उनके सात बच्चे बिल्कुल सुरक्षित हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

अफ्रीकी बच्चों में तेजीसे फैल रहा मंकीपॉक्स

बता दें कि इरम्बोना बुजुंबुरा के जिस अस्पताल में भर्ती हैं, वह शहर के उन तीन अस्पतालों में शामिल है, जहां मंकीपॉक्स का इलाज चल रहा है. इस अस्पताल में 61 बेड हैं, जिनमें 59 पर मंकीपॉक्स के मरीजों का इलाज चल रहा है. मरीजों में एक तिहाही लोग 15 साल के उम्र के हैं. WHO के मुताबिक, यहां पर सबसे ज्यादा संक्रमण बच्चों में फैल रहा है.

मंकीपॉक्स की तैयारी पर क्या बोले डॉक्टर?

अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर ओडेट एनसाव्यिमाना का कहना है कि मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. डॉक्टर का कहना है कि मरीज इतने बढ़ने लगे हैं कि अब बाहर तंबू लगाए जा रहे हैं. अब तक 3 टेटं लगाए जा चुके हैं. संदिग्ध मामले सामने आने के बाद मरीजों को इन्हीं टेटं में रखा जाता है. उसके बाद ही वॉर्ड में भेजा जाता है. डॉक्टर का कहना है कि यह बहुत ही मुश्किल भरा है. बच्चे अकेले नहीं रह पाते हैं, इसीलिए ठीक होते हुए भी उनकी मां को भी यहीं रहना पड़ता है. .ह बहुत ही कठिन हालात हैं. 

यह भी पढ़ें :-  VIDEO : हवा में फ्यूल भरना, सटीक हमले, इस तरह इज़रायली वायु सेना ने हिजबुल्लाह के हमले को किया विफल

Latest and Breaking News on NDTV

मंकीपॉक्स कितना चिंता भरा?

बुरुंडी अब मंकीपॉक्स का एपीसेंटर बनता जा रहा है. डॉक्टर का कहना है कि वह बढ़ते केस को लेकर चिंता में हैं. अगर मामले और बढ़ते हैं तो उनको संभालने की अस्पताल की क्षमता नहीं है. संक्रमित लोगों को अस्पताल में अन्य लोगों से अलग करने की कोशिश की जा रही है. हर ऐहतियात बरती जा रही है. अन्य लोगों को संक्रमितों से दूर रखा जा रहा है. 



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button