दुनिया

दुनिया में बदल रहा सिस्टम… एस जयशंकर ने फिर ठोका UNSC में भारत के लिए स्थायी सीट का दावा


नई दिल्ली/कजान:

भारत ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में अपनी स्थायी सीट की मांग दोहराई है. रूस के कजान शहर में हो रहे 16वें ब्रिक्स समिट 2024 के आखिरी दिन गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था बनाने के लिए स्थापित संस्थानों में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ये सुधार तत्काल किया जाना चाहिए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नो वॉर’ का मैसेज भी दोहराया. PM मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि यह समय जंग लड़ने का नहीं है. ये युद्ध का युग नहीं है.  विवादों का निपटारा आपसी बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.

जयशंकर ने ब्रिक्स के आउटरीच सेशन में ये बातें कही. उन्होंने कहा, “ब्रिक्स ये दिखाता है कि पुरानी व्यवस्था कितनी गहराई से बदल रही है. साथ ही अतीत की कई असमानताएं भी जारी हैं, बल्कि उन्होंने नए तरीके अपना लिए हैं. ग्लोबलाइजेशन के फायदे बहुत असमान रहे हैं. ऐसे में दुनिया के सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्यों को हासिल करने में काफी पीछे रह जाने का खतरा है.”

“हमारे हितों के खिलाफ नहीं किया कोई काम…” : विदेश मंत्री ने बताई भारत से कैसी है रूस की दोस्ती

जयशंकर ने सिस्टम में बदलाव का तरीका भी बताया. उन्होंने कहा, “सबसे पहले एक स्वतंत्र प्रकृति के प्लेटफार्म को मजबूत और विस्तारित किया जाना चाहिए. दूसरा तरीका ये है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसी संस्थाओं में तुरंत सुधार किया जाए. बहुपक्षीय विकास बैंकों की भी बदला जाए, जिनकी कार्य प्रक्रियाएं संयुक्त राष्ट्र की तरह पुरानी हैं. इसके बाद तीसरा तरीका ग्लोबल इकोनॉमी का लोकतंत्रीकरण करना हो सकता है.”

UNSC में अभी 10 अस्थायी सदस्य
भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहा है. वह स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी करने की जरूरत पर जोर देता है. 1945 में गठित सुरक्षा परिषद के शुरू से 15 सदस्य हैं. इनमें से 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका UNSC के स्थायी सदस्य हैं. अस्थायी सदस्य हर 2 साल बाद बदले जाते हैं. 

यह भी पढ़ें :-  बिना नाम लिए नीतीश कुमार पर बरसे पीएम मोदी, कहा- "विधानसभा में भद्दी बातें, उनको शर्म नहीं"

दुनिया के नए पावर बैलेंस को पचा नहीं पा रहे पश्चिम के देश: The Hindkeshariवर्ल्ड समिट में कनाडा पर बोले विदेश मंत्री

अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन पहले ही सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का समर्थन कर चुके हैं. लेकिन चीन वीटो पावर के जरिए इसमें अड़ंगे डालता रहा है.

दुनिया को तत्काल ज्यादा कनेक्टिविटी ऑप्शन की जरूरत
विदेश मंत्री ने कहा, “ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर में खामियों को ठीक करके जो औपनिवेशिक युग से विरासत में मिली हैं. दुनिया को तत्काल ज्यादा कनेक्टिविटी ऑप्शन की जरूरत है. ताकि लॉजिस्टिक्स में इजाफा हो और जोखिम कम हो. क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए अत्यधिक सम्मान के साथ, यह आम भलाई के लिए एक सामूहिक प्रयास होना चाहिए. भारत का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, इसका यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस, गतिशक्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर सभी बड़ी प्रासंगिकता रखते हैं.”

जयशंकर ने कहा, “इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबल बायो फ्यूल अलायंस, मिशन LiFE और इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस सामान्य हित की पहल हैं. हम इस पर उचित योगदान देना चाहते हैं.”

‘हाथ मिलाया और…’, जब The Hindkeshariवर्ल्ड समिट में जयशंकर ने सुनाई पाकिस्तान दौरे की कहानी


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button