रफाल, टाइफून जैसे लड़ाकू विमानों के सामने तरंग शक्ति में दिखा तेजस का जलवा

Tejas in Tarang : तरंग में तेजस का जलवा देखने को मिल रहा है.
Tejas in Tarang : देश के अब तक के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में लड़ाकू विमान रफाल और टाइफून के बीच देसी तेजस का बोलबाला दिखा. फ्रांस और जर्मनी के वायुसेना प्रमुख ने तो लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस में उड़ान भी भरी और तारीफ करते नही थके. तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस में जारी 11 देशों के सैन्य अभ्यास के दौरान स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस का जलवा देखने को मिला. इस सैन्य अभ्यास के दौरान तेजस ने दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों के साथ उड़ान भरी. अपनी खूबियों से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.
अब विदेश में जाएगा तेजस

ये पहला मौका है जब इतने बड़े प्लेटफॉर्म पर तेजस को दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास में शामिल किया गया. वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि तरंग शक्ति के दौरान तेजस ने अहम भूमिका निभाई और अपनी क्षमता को दर्शाया. उन्होंने ये भी कहा कि भविष्य में तेजस को देश के बाहर होने वाले सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए भी भेजा जाएगा. साथ ही इसकी क्षमता का और इस्तेमाल किया जाएगा.
तेजस की खासियत जानें

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने अपनी कटेगरी का दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू विमान तेजस बनाया है. यह हवा से हवा में हमला कर सकने में सक्षम है. यह डिफेन्स भी कर सकता है और अटैक भी. इसमें बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल लगे हैं. हवा से जमीन में मार करने वाली मिसाइल के अलावा विमान में नौ हार्ड पॉइंट बने हैं. यह 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. यह 13.20 मीटर लंबा है. चौड़ाई 4.40 मीटर है. यह किसी भी मौसम में ऑपरेट कर सकता है. दिन हो या रात, जब भी इस फाइटर को जो टास्क दिया जाएगा, उसे पूरा करके ही दम लेगा. फिलहाल वायुसेना में इसके दो स्क्वाड्रन है. वायुसेना ने 100 से ज्यादा तेजस का ऑर्डर एचएएल को दिया हुआ है. वैसे दुनिया के कई देश तेजस को खरीदने में रुचि दिखा चुके हैं, पर भारत का कहना है कि पहले यह वायुसेना की जरूरतों को पूरा करेगा, उसके बाद ही इसका निर्यात किया जाएगा.