देश

मंदिर और दरगाह एक साथ, फिर भी नहीं है कोई झगड़ा… पंजाब की ये जगह बन रही मिसाल

देश के कई हिस्सों में धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद सामने आ रहे हैं. वहीं पंजाब के होशियारपुर से एक ऐसी मिसाल सामने आई है जो हर किसी का दिल जीत लेगी. यहां एक हिंदू परिवार ने अपने घर पर ऐसा स्थान बनाया है, जहां मंदिर और दरगाह एक साथ हैं, और सभी धर्मों के लोग बिना भेदभाव के यहां आते हैं और सबका मकसद सिर्फ इंसानियत है. इस जगह का नाम है सर्व धर्म ख़्वाजा मंदिर.

कहां है सर्व धर्म ख़्वाजा मंदिर 

सर्वधर्म ख़्वाजा मंदिर पंजाब के होशियारपुर में बना हुआ है.यह तक़रीबन तीन एकड़ ज़मीन पर बना हुआ है, जिसमें आपको दरगाह भी नज़र आएगी और मंदिर भी. इसका नाम इसीलिए सर्व धर्म ख़्वाजा मंदिर रखा गया क्योंकि यहाँ मंदिर भी है और ख़्वाजा की दरगाह भी. 

कौन हैं राज जैन

2011 से पहले होशियारपुर के रहने वाले राज जैन शहर के सबसे बड़े व्यापारी थे. इनकी शहर में बहुत बड़ी कपड़ों की दुकान भी थी. राज जैन एक नास्तिक इंसान थे. उनका ईश्वर पर कोई यक़ीन नहीं था, लेकिन वो 2011 में अपनी पत्नी दिव्य के साथ जयपुर घूमने गये थे, जिसके बाद उनके ड्राइवर ने कहा कि पास ही में अजमेर दरगाह भी है. वहां भी आप चले जाएं, तभी उनकी पत्नी दिव्या ने पति राज जैन से कहा की एक बार आइये चलते हैं, पहले तो राज जैन ने मना कर दिया लेकिन उसके बाद पत्नी की ख़ुशी की ख़ातिर वो अजमेर दरगाह में चले गए. इसके बाद जब वो दरगाह के अन्दर पहुंचे तो बताते हैं कि वो दोनों बहुत ज़ोर-ज़ोर से रोने लगे और जब वो वापस लौटे तो अलग ही उनका हाव-भाव था.

यह भी पढ़ें :-  पंजाब : अमृतसर में गर्भवती पत्नी को बिस्तर से बांधकर जिंदा जलाया, आरोपी गिरफ्तार

कैसे आया ख़्याल 

राज जैन बताते हैं कि 21 अप्रैल 2011 को उन्होंने एक ख़्वाब देखा, जिसमें उन्हें हज़रत अब्बास की बशारत हुई. इसके बाद उन्होंने नेकी और इंसानियत का रास्ता अपना लिया और अपना पूरा बिजनेस 3 दिन में पूरा बंद कर दिया और फिर उनकी कुछ ज़मीन जो जंगल में थी वहां पर जाकर रहने लगे. इसके बाद उनके परिवार ने भी उनके ऊपर से हाथ हटा लिया. बस वो और उनकी पत्नी ही अकेले एक जंगल में एक छोटा से रूम में रहते थे. कमरे में एक बाथरूम था मगर गेट नहीं था. धीरे-धीरे अपनी दूसरी ज़मीन आदि बेचकर इस जगह पर पहले ख़्वाजा की दरगाह बनाई. फिर 2023 में इमाम हुसैन की बेटी जनाबे सकीना का श्राइन बनाया. इसे बनाने में उन्होंने अपना एक प्लाट तक बेच दिया. आज राज जैन के साथ हज़ारों उनके चाहने वाले यहा आते हैं और इंसानियत का परचम बुलंद करते हैं.

हर धर्म के धर्मगुरु पहुंचे 

राज जैन का ख़्वाब था कि जब में श्राइन अपने घर में बनाऊं तो हर धर्म के इंसान यहां हो और उसी को देखते हुए शिया, सुन्नी, जैन, बौद्ध, हिंदू, सिख समेत हर धर्म के वरिष्ठ धर्मगुरु इसमें शामिल हुए और सबने एकता की बात की.

पत्नी ने दिया साये की तरह साथ

जब राज जैन को उनके घर वालों ने ही दूर कर दिया तब उनकी पत्नी दिव्या और उनके माता पिता ने राज जैन पर पूरा यक़ीन रखा. उनका कहना था कि ऐसे रास्ते पर लाखों लोगों में से एक इंसान आ पाता है जो राज जैन ने अपनाया. वहीं उनकी पत्नी दिव्या ईश्वर की बहुत भक्ति हैं और वहीं भक्ति उनकी अब और भी बढ़ गई.

यह भी पढ़ें :-  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीकर में रोड शो कर राजस्थान में चुनाव प्रचार की शुरुआत की

क्या हुआ था इनके साथ चमत्कार 

राज जैन बताते हैं कि उन्हें एक ख़्वाब दिखा, जिसमें एक रौशनी सी दिखाई दी, जिसमें बिना हाथों का कोई दिख रहा था, जब उन्होंने जाना तो पता चला वो हज़रत अब्बास के हाथ करबला के मैदान में कटे थे. राज जैन को उनकी बशारत हुई और उसके बाद उनका पूरा रास्ता ही बदल गया. राज जैन बताते हैं कि  जहां उन्होंने ख़्वाब देखा वहां की ज़मीन खुदवाई तो वहां से चंदन की ख़ुशबू आ रही थी और वहां से ज़मीन में से एक लोहे का धातु निकला. वहीं कुछ दिन बाद जब वो दरगाह बना रहे थे तो सामने ही एक शीशम का पेड़ था, जिसमें वो टेक लगा कर बैठा करते थे. तभी बैठे बैठे एक दिन नींद सी लग गई और देखा कि उस ज़मीन के नीचे से पूरी रोशनी हो गई और अगले दिन देखते हैं की वो शीशम का पेड़ पूरी तरह से सूख गया. इसके बाद जानकारों ने कहा कि इस पेड़ को कटवा दो वरना ये गिरेगा तो सामने बनी दरगाह पर जा गिरेगा. इससे नुक़सान भी हो सकता है. इसके बाद उन्होंने उस पेड़ के नीचे जब जड़ हटानी चाही तभी देखा एक चंदन की ख़ुशबू फिर से आनी लगी जो खोदने पर आ रही थी. 

साथ ही उसमें से एक चिराग़ निकला और उसके बाद एक थाली सी मिली जिसमें जन्नतुल बकी का नक़्शा था. तभी उन्होंने इसी जगह पर जनाबे सकीना (जो मोहम्मद साहब के नाती इमाम हुसैन की बेटी हैं) का श्राइन यहां बनाया. आपको बता दें जनाबे सकीना एक चार साल की बच्ची थीं, जिन्हें करबला के मैदान में उनके पिता इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के शहादत के बाद इतना मारा गया कि उनकी कैदखाने में ही मौत हो गई थी.

यह भी पढ़ें :-  'पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली' योजना का हर वर्ग को मिल रहा लाभ, लाभार्थी बोले- लगभग जीरो हुआ बिल 

आते हैं हिंदू मुस्लिम सभी एक साथ 

यहां की सबसे अच्छी बात ये है कि यहां पर हिंदू, मुस्लिम सभी एक साथ आते हैं और ख़ुशी से इंसानियत के साथ रहते हैं, कोई किसी से कोई भी भेदवाह नहीं करता .एक महिला बताती है कि मैं मुस्लिम हूं, मैं हिंदू हूं, मैं सिख हूं. जो कोई भी मुझसे पूछेगा तो में यही कहूंगी लेकिन मेरा धर्म बस इंसानियत है. वहीं दिल्ली से आये नज़मी कहते हैं कि हम सब के लिए गर्व की बात है कि राज जैन जैसे लोग हैं जो इंसानियत का परचम बुलंद करते हैं.
 


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button