टेरर लिंक मामला: J&K के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का बड़ा एक्शन, तीन कर्मचारियों को किया बर्खास्त

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा एक्शन मोड में
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा घाटी में आतंकवाद और आतंकियों का साथ देने वालों के खिलाफ एक्शन लेते दिख रहे हैं. उन्होंने टेरर लिंक ( आतंवादियों से संबंध रखने) के चलते तीन सरकारी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का फैसला किया है. बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक कांस्टेबल भी बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि वह विभाग में रहते हुए आतंकियों को इनपुट भेजता था. जिन दो अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है उनमें एक शिक्षक और दूसरा विमाग में काम करने वाला एक अर्दली है. बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की पहचान फिरदौस भट्ट, निसार अहमद खान और अशरफ भट के रूप में की गई है.
समीक्षा बैठक के बाद लिया गया एक्शन
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन कर्मचारी को बर्खास्त करने का फैसला सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद लिया है. उस बैठक में उपराज्यपाल के साथ-साथ पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे. इस बैठक में मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों के खिलाफ और उन्हें समर्थन देने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया था.
हर अपराधी को चुनाकी होगी कीमत
मनोज सिन्हा ने कुछ दिन पहले कहा था कि आतंकवादियों को समर्थन करने वालों की इसकी कीमत चुकानी होगी. जो भी ऐसा अपराध करेगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. आपको बता दें कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुछ महीने पहले भी उन लोगों को चेतावनी दी थी जो घाटी में आतंकवादियों की मदद करते हैं. मनोज सिन्हा ने सेना और स्थानीय पुलिस को आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश भी दिया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि मैं आपको इन आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी के कड़ी कार्रवाई करने की खुली छूट देता हूं. मनोज सिन्हा ने कहा था कि जो भी यहां आतंकियों की मदद करेगा या उन्हें अपने घर में शरण देगा उसका घर गिरा दिया जाएगा. यही मौके और न्याय का तकाजा है.
“कुछ लोग षड्यंत्र कर रहे हैं “
मनोज सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीनगर में हुए ग्रेनेड हमले का भी जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि ऐसी घटनाएं बेहद निंदनीय हैं. हमे पता है कि हमारे बीच ही ऐसे कुछ लोग हैं जो शांति कायम नहीं होने देना चाहते. वो हमेशा षड्यंत्र करते रहते हैं. घाटी में जो हालात हैं उसके लिए बाहरी ताकते भी जिम्मेदार हैं. लेकिन कई लोग भी ऐसे हैं जो उनके इशारे में घाटी में हिंसा को बढ़ावा देते हैं.