J&K : पुंछ में आतंकी हमला, सेना के वाहनों पर की फायरिंग, जवानों ने दिया मुंहतोड़ जवाब
नई दिल्ली :
जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकियों ने सेना के वाहनों पर फायरिंग की. इस पर सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की. इस हमले में जवानों को किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है. पिछले तीन सप्ताह में इस क्षेत्र में सेना पर यह दूसरा हमला है. मुठभेड़ में अभी तक किसी के घायल होने या मौत की कोई रिपोर्ट नहीं है और दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
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सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि, आज लगभग शाम 6 बजे कृष्णाघाटी पुंछ सेक्टर के पास एक जंगल से संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के वाहनों के एक काफिले पर गोलीबारी की गई. हमारे सैनिकों में से कोई हताहत नहीं हुआ है. भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन जारी है.
At around 1800h today, a Security Forces convoy of vehicles was fired upon by suspected terrorists from a jungle near Krishna Ghati #Poonch sector. No casualties to own troops. Joint search
Operations by #IndianArmy and #JKP are in progress.@adgpi@NorthernComd_IApic.twitter.com/jR0ytWRy88
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) January 12, 2024
पिछले तीन हफ्तों में इस क्षेत्र में सेना पर यह दूसरा आतंकी हमला है. पहले राजौरी के डेरा की गली में दो सैन्य वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक मारे गए थे और पांच अन्य घायल हो गए थे. आज शाम को सेना के वाहनों पर जिस स्थान पर हमला किया गया वह स्थान पहले हुए हमले के स्थान से करीब 40 किलोमीटर दूर है.
पीर पंजाल क्षेत्र (राजौरी और पुंछ) 2003 से आतंकवाद से मुक्त थे लेकिन अक्टूबर 2021 से इस इलाके में बड़े हमले फिर से शुरू हो गए हैं. पिछले सात महीनों में अधिकारियों और कमांडो सहित 20 सैनिक मारे गए हैं. पिछले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान 35 से अधिक सैनिक मारे गए हैं.
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा था कि भारत के विरोधी (पाकिस्तान का संदर्भ) राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में आतंकवादियों को मदद देने में “सक्रिय भूमिका” निभा रहे हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि, “पिछले पांच-छह महीनों में राजौरी और पुंछ में आतंकवाद बढ़ा है. ये चिंता की बात है. अगर आप देखें…2003 से पहले उस इलाके में आतंकवाद ख़त्म हो चुका था और 2017/ 18 तक वहां शांति थी. लेकिन अब घाटी में स्थिति सामान्य होने के कारण हमारे विरोधी वहां सक्रिय हैं.”