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पाकिस्तान के चुनाव में उतरी आतंकी हाफिज सईद की पार्टी, रैलियों में कर रहा भारत में जेहाद का ऐलान

पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव होने हैं. इस बार एक नई पार्टी चर्चा में है, जिसका नाम है ‘पाकिस्तान मरकाजी मुस्लिम लीग’. इस पार्टी से मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमलों का सरगना हाफिज सईद का बेटा तलहा सईद चुनाव लड़ रहा है. वो लाहौर के एनए22 सीट से उम्मीदवार है. वहीं हाफिज सईद का दामाद भी इस पार्टी से स्टेट असेंबली के लिए चुनाव मैदान में है.

‘पाकिस्तान मरकाजी मुस्लिम लीग’ के कई उम्मीदवार या तो हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं या उसके आतंकी संगठन से जुड़े हुए हैं. आरोप लग रहे हैं कि ये अप्रत्यक्ष रूप से हाफिज सईद का ही राजनीतिक संगठन है.

पंजाब के कसूर में एक रैली के बाद ‘मरकाजी मुस्लिम लीग’ सुर्खियों में आया. इस रैली में कश्मीर में जेहाद करने की बात कही गई, भारत के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए, साथ ही भारत के कश्मीर और फिलिस्तीन में मदद पहुंचाने के लिए पाकिस्तान की विदेश नीति को बदलने का भी ऐलान किया गया. मंच से खुलकर भारत विरोधी बातें कही गई.

पाकिस्तान में पिछले आम चुनाव में भी हाफिज सईद ने नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसके सभी प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा था. ‘पाकिस्तान मरकाजी मुस्लिम लीग’ के पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से नामांकित उम्मीदवार के संबंध पूर्व में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से रहे हैं.

लाहौर की एक जेल में बंद सईद को आतंकवाद के वित्त पोषण के कई मामलों में पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालतों ने कुल 31 साल की सजा सुना रखी है. उसे संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर 2008 को ‘वैश्विक आतंकवादियों’ की सूची में शामिल किया था.

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भारत ने पिछले साल 29 दिसंबर को पाकिस्तान से सईद को प्रत्यर्पित करने के लिए कहा था जो आतंकवाद के कई मामलों में भारत में वांछित है. भारत ने सईद के बेटे हाफिज तलहा के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर भी संज्ञान लिया और कहा कि पड़ोसी देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को ‘मुख्यधारा’ में लाना कोई नयी बात नहीं है और यह लंबे समय से सरकारी नीति का हिस्सा रहा है.

पाकिस्तान ने भी लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा और उससे संबंद्ध दलों तथा संगठनों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया है, जिनमें खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल-अनफल ट्रस्ट, खमतब खलाक इंस्टीट्यूशन, अल-दवात अल-अरशद, अल-हमाद ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन और मुआज बिन जबाल एजुकेशनल ट्रस्ट शामिल हैं.

पाकिस्तान में धार्मिक संस्थाओं पर नजर रखने वाले विश्लेषकों के हवाले से खबर में दावा किया गया कि मरकाजी मुस्लिम लीग सईद की जमात-उद-दावा का ‘नया राजनीतिक चेहरा’ है.

बहरहाल, पार्टी के एक प्रवक्ता ने सईद के संगठनों से किसी भी प्रकार के संबंध होने से इनकार किया. मरकाजी मुस्लिम लीग के एक प्रवक्ता हंजाला इमाद ने कहा, ‘‘हमारा कोई भी उम्मीदवार किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं है और किसी भी प्रतिबंधित पार्टी का हिस्सा नहीं है.”

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