19 नवंबर से चरवाहों के घरों में छिपे हुए थे आतंकी, जम्मू-कश्मीर के राजौरी में कैसे शुरू हुआ एनकाउंटर?

खास बातें
- राजौरी में आतंकियों-सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी
- मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर कारी ढेर
- पाकिस्तानी IED एक्सपर्ट की भी हुई पहचान
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राजौरी (Rajouri Encounter)में पीर पंजाल और उसके ऊंचे इलाके के घने और कम विजिबिलिटी वाले जंगलों में दो दिन से आतंकियों (Terrorist) और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ चल रही है. सुरक्षाबलों (Indian Army) ने इस दौरान 2 आतंकियों को मार गिराया है. आतंकियों से चल रहे इस मुठभेड़ में सेना के 2 अधिकारी और 2 जवानों के शहीद होने की खबर है. सुरक्षाबलों ने आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सर्च ऑपरेशन (Search Operation) चलाया था. इसी दौरान जंगल में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी. ऑपरेशन अभी जारी है.
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सूत्रों ने कहा कि आतंकी इस इलाके में 19 नवंबर से चरवाहों के घरों में छिपे हुए थे. स्थानीय लोगों से शिकायत मिलने के बाद सेना इलाके में सर्च ऑपरेशन के लिए गई थी. आइए जानते हैं राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच कैसे शुरू हुआ एनकाउंटर:-
63 नेशनल राइफल्स के कैप्टन एमवी प्रांजल को सबसे पहले गोली लगी थी. गोलीबारी शुरू होने से कुछ देर पहले वह इलाके में जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक बुजुर्ग महिला से बात कर रहे थे. वहीं आतंकी छिपे हुए थे. आतंकियों ने अचानक से गोलीबारी शुरू कर दी. सूत्रों ने The Hindkeshariको बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 3 अधिकारियों को भी गोली लगी.
बाद में कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद और लांस नायक संजय बिष्ट तीनों शहीद हो गए. मेजर मेहरा की हालत अब स्थिर है. कैप्टन एमवी प्रांजिल का शव आज शाम बेंगलुरु भेजा जाएगा.
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