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"पीएम मोदी को धन्यवाद": महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों पर MVA की जीत को लेकर शरद पवार ने किया कटाक्ष

बीड, लातूर, नासिक, मुंबई उत्तर पूर्व और पुणे सहित बाकी सीटें एमवीए में शामिल पार्टियों के खाते में गईं. शरद पवार की एनसीपी को आठ सीटें मिलीं और अजित पवार की एनसीपी को सिर्फ एक सीट मिली.

ठाकरे ने सांसदों के दल बदलने की बात नकारी
महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों के नतीजों से उद्धव ठाकरे उत्साहित हैं. शिवसेना के उनके गुट ने नौ सीटें जीती हैं और उनसे अलग हुए गुट ने सात सीटें जीती हैं. ठाकरे ने पार्टी के उन बागियों को वापस लेने से इनकार किया, जिनके इस्तीफे से उनकी गठबंधन सरकार गिर गई थी. ठाकरे ने कम से कम दो नवनिर्वाचित सांसदों के प्रतिद्वंद्वी खेमे में जाने की अफवाह को नकार दिया.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि, “जिन लोगों ने मेरा समर्थन किया, वे बने रहेंगे (और) हम उन लोगों के बारे में सोचेंगे जो हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं. मैं किसी का नाम नहीं लूंगा… लेकिन चुनाव के बाद राम बीजेपी-मुक्त हो गए हैं…” 

उन्होंने ‘रिवर्स स्विच’ की बात खारिज कर दी, जिसको लेकर कहा जा रहा है कि वे अपने शिवसेना के गुट का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ‘मूल’ गुट में विलय कर सकते हैं और बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापस जा सकते हैं.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने दम पर केवल 240 सीटें जीती हैं, जो बहुमत से 32 कम हैं. एनडीए के सहयोगियों, और खास तौर पर जेडीयू और टीडीपी के समर्थन के साथ बीजेपी 272 के बहुमत के आंकड़े से केवल 21 अधिक है. इंडिया गठबंधन यदि शिंदे की शिवसेना के मुट्ठी भर सांसदों को अपने साथ जोड़ लेता है तो इससे वह बीजेपी सरकार को चुनौती देने की स्थिति में तो नहीं आ सकता, लेकिन ऐसा करके वह पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी को तनाव का स्थिति में जरूर ले जा सकता है.

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उद्धव ठाकरे ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बनाए गए राम मंदिर को लेकर भी बीजेपी पर कटाक्ष किया. बीजेपी को लगता था कि राम मंदिर से वह राज्य की सभी 80 सीटें जीत जाएगी, उसे बहुमत मिल जाएगा और वह अपने ‘400 पार’ के लक्ष्य तक पहुंच जाएगी. ठाकरे ने कहा, “चुनाव के बाद राम भाजपा मुक्त हो गए हैं.”

महा विकास अघाड़ी ने कहा- “धन्यवाद महाराष्ट्र” 
उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस के पृथ्वीराज चव्हाण ने चुनाव परिणामों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मतदाताओं को धन्यवाद दिया. चव्हाण ने कहा कि, “यह प्रेस कॉन्फ्रेंस महाराष्ट्र के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए है. लोगों ने एमवीए को वोट दिया और धार्मिक ध्रुवीकरण के प्रयासों को खारिज कर दिया.”

चव्हाण ने कहा कि, “हाल ही में विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए तीनों दलों की बैठक हुई थी. जिस तरह से हमने लोकसभा चुनाव लड़ा था, उसी तरह हम विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे. हमारी जीत पक्की होगी और राज्य में सत्ता परिवर्तन होगा.” 

इस बीच ठाकरे ने इस तथ्य पर ध्यान दिलाया कि मौजूदा सरकार अब केवल बीजेपी द्वारा नहीं चलाई जा रही है, जिसके पास 2014 और 2019 में प्रचंड बहुमत था, बल्कि यह एक गठबंधन है. उन्होंने कहा, “वह ‘मोदी सरकार’ थी, लेकिन अब यह ‘एनडीए सरकार’ है. यह कब तक चलेगी?”

ठाकरे ने यह भी कहा कि राज्य में लोकसभा के नतीजों ने बीजेपी की चुनावी अजेयता के “मिथक” को उजागर कर दिया है. उन्होंने कहा, “पूरे देश में एक माहौल था… हर कोई सोचता था कि बीजेपी के खिलाफ कोई नहीं लड़ सकता, लेकिन महाराष्ट्र के लोगों ने दिखा दिया कि यह बात खोखली है.” 

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उन्होंने “आर्थिक रूप से असमान” लड़ाई के बावजूद विपक्ष के मजबूत प्रदर्शन की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि, “यह संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई थी.” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “लड़ाई अभी शुरू हुई है…”

उद्धव और पवार की पार्टियों ने जीतीं 17 सीटें

लोकसभा चुनाव में एमवीए ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को कड़ी टक्कर दी. 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में ही सबसे अधिक सीटें हैं. यहां इंडिया गठबंधन की जबरदस्त जीत ने लोगों को चौंका दिया है.

उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टियों ने मिलकर 17 सीटें जीतीं. कांग्रेस ने 2014 के चुनाव में केवल दो और 2019 में सिर्फ एक सीट जीती थी. इस बार उसने 13 सीटें हासिल कीं. इसके विपरीत, पिछली बार 23 सीटें जीतने वाली बीजेपी को नौ और उसके सहयोगी दल शिवसेना और एनसीपी को आठ सीटें मिलीं.

उत्तर प्रदेश और बंगाल में हार के साथ ही बीजेपी 370 के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य से काफी पीछे रह गई. बीजेपी को केवल 240 सीटें मिलीं,  जो बहुमत के आंकड़े से 32 कम हैं. उसे केंद्र में सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी का सहारा मिला है.


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