VVIP पास रद्द करने से लेकर नए अधिकारी को जिम्मेदारी देने तक… महाकुंभ में भगदड़ के बाद प्रशासन ने किए ये पांच बड़े बदलाव
नो व्हीकल जोन बनाया गया : इस घटना के सामने आने के बाद सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. अब ऐसे में महाकुंभ आने वाले तमाम वाहन को बाहर ही रोक दिया जाएगा.
VVIP पास रद्द कर दिए गए हैं: महाकुंभ क्षेत्र में किसी भी स्पेशल वाहन की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. नए नियमों के लागू होने के बाद अब कोई भी वीवीआईपी वाहन कुंभ क्षेत्र तक सीधे नहीं पहुंच पाएंगे.
वन वे रूट्स को शुरू किया गया – भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वन वे रूट्स को आज से शुरू किया गया है. इसके माध्यम से श्रद्धालुओं की सुचारू आवाजाही को सुनिश्चित किया जा सकेगा.
वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमाओं पर ही रोक दिया जा रहा है. पहले बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों के कारण भी शहर और खासकर महाकुंभ क्षेत्र में काफी भीड़ भाड़ हो जाती थी.
4 फरवरी तक सख्त प्रतिंबध लगाए गए हैं. इस तारीख तक शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू किया गया है. उसके बाद एक बार फिर पूरी स्थिति का जायजा लिया जाएगा.
नए अधिकारियों की नियुक्त की गई है: महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीनियर IAS आशीष गोयल को आगे के इंतज़ाम की ज़िम्मेदारी दी गई है. वे साल 2019 में हुए कुंभ में प्रयागराज के कमिश्नर थे. इस समय वे सारा पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं. कल रात सीएम के घर हुई बैठक के बाद ये फ़ैसला हुआ. इसके अलावा 2019 में प्रयागराज के डीएम रहे भानु चंद्र गोस्वामी को भी मेला की ज़िम्मेदारी दी गई है. भगदड़ में तीस लोगों की मौतें के बाद से ही यूपी सरकार और उसके इंतज़ाम पर सवाल उठने लगे हैं. इसी के साथ 5 विशेष सचिव महाकुंभ के लिए तैनात किए गए हैं. इसी के साथ ही प्रयागराज के तमाम स्टेशनों पर भीड़ को इकट्ठा होने से रोका जा रहा है.