जिस चीनी DeepSeek AI से अमेरिका में आया भूचाल, उसने भारत-चीन युद्ध, अरुणाचल पर दिए ये जवाब
नई दिल्ली:
अगर आपकी दिलचस्पी एआई (AI) में है तो यकीनन आप भी डीपसीक (DeepSeek) का नाम सुन ही चुके होंगे. कई दिनों से अमेरिका समेत दुनिया में चाइनीज एआई चैटबॉट (AI Chatboat) डीपसीक की खूब चर्चा हो रही है. चीन के नए आर्टिफिशियल इंटैलिजेंट सिस्टम डीपसीक की वजह से अमेरिका में तो जैसे हड़कंप ही मचा हो. जिस एआई सेक्टर में अमेरिका का दबदबा छाया हुआ, वहां डीपसीक की एंट्री से अमेरिकी एआई सेक्टर को चुनौती मिलती दिख रही है. जब पूरी दुनिया में डीपसीक की जमकर चर्चा हो रही है इस बीच चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप डीपसीक ने दावा किया है कि उसने एक AI असिस्टेंट विकसित किया है, जो कि OpenAI के ChatGPT और Google के Gemini जैसे एआई मॉड्यूल जैसा ही काम करता है.
हालांकि बाकी चीनी AI मॉडलों की तरह, इस पर भी चीनी सरकारी की सेंसरशिप है. यही वजह है कि ये चीन से जुड़े संवेदशील मुद्दों की जानकारियां नहीं देता. डीपसीक को समझने के लिए The Hindkeshariने भी इसका इस्तेमाल किया, लेकिन इसने तियानानमेन स्क्वायर नरसंहार, भारत-चीन संबंध, चीन-ताइवान संबंध और अन्य राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दों जैसे विषयों पर जवाब देने से इंकार कर दिया.
तियानानमेन स्क्वायर नरसंहार
अगर आप चीनी एआई से 1989 के तियानानमेन स्क्वायर नरसंहार के बारे में पूछेंगे तो ये इसका जवाब देने से मना कर देगा. जब The Hindkeshariने टैंक मैन का जिक्र किया. टैंक मैन दरअसल वह प्रदर्शनकारी था, जो कि स्क्वायर पर चीनी टैंकों के एक सामने खड़ा था. जिस पर चैटबॉट ने शुरू में एक उत्तर दिया, लेकिन अचानक इस पर कहा कि क्षमा करें, फिलहाल ये सूचना मेरे दायरे से बाहर है, चलो कुछ और बात करते हैं. जबकि चैटजीपीटी और जेमिनी चीन में हुए नरंसहार के बारे में विस्तार से बताते हैं.
1962 का भारत-चीन युद्ध
जब भारत-चीन युद्ध के बारे में पूछा गया, तो डीपसीक ने इससे जुड़े हुए जवाबों को भी टाल दिया. भारत-चीन युद्ध क्यों हुआ? जैसे सवालों के बारे में भी नहीं बताया. वहीं इसके उलट चैटजीपीटी और जेमिनी ने युद्ध कैसे और क्यों हुआ, इस पर बारीकी से बताया.
अरुणाचल प्रदेश पर क्या बोला डीपसीक
डीपसीक ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, खास तौर पर अरुणाचल प्रदेश के बारे में बात करने से इनकार कर दिया. जब पूछा गया कि क्या अरुणाचल प्रदेश भारत का स्टेट है, तो डीपसीक ने अपने टाल-मटोल वाले अंदाज में जवाब दिया कि मुझे माफ़ करें, यह भी मेरे दायरे से बाहर है, चलिए किसी और विषय पर बात करते हैं. चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है और भारतीय राज्य को दक्षिण तिब्बत कहता है. बीजिंग ने इस क्षेत्र का नाम जंगनान भी रखा है. केंद्र सरकार लगातार इन दावों पर आपत्ति जताती रही है.
कश्मीर और लद्दाख
चीन, अरुणाचल प्रदेश के अलावा लद्दाख के कुछ इलाकों को भी अपना मानता है. 2023 में, चीन ने एक नया मैप जारी किया, जिसमें अक्साई चिन को चीन में दिखाया गया. हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मैप को पूरी तरह से खारिज कर दिया था. जब अक्साई चिन के बारे में पूछा गया, तो डीपसीक ने फिर वहीं जवाब दोहराया कि ये मेरे दायरे से बाहर है.
कश्मीर पर, चाइनीज एआई ने कहा, “यह भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय विवादों से जुड़ा एक जटिल और संवेदनशील मामला है. हम यूएन चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों के समाधान की वकालत करते हैं.
वीगर मुसलमानों पर एआई का क्या जवाब
चीन से वीगर मुसलमानों को प्रताड़ित करने की खबरों ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी. जब वीगर मुसलमानों के बारे में डीपसीक से पूछा गया तो इसने मानवाधिकारों के हनन के आरोपों को खारिज कर दिया. अगर आप वीगरों से जबरन काम कराने, शिक्षा या फिर उनके खराब हालातों पर डीपसीक से सवाल पूछते हैं तो जवाब यही आता है कि यह मेरे दायरे के बाहर की सूचना है. वहीं चैटजीपीटी और जेमिनी से आप इस बारे में लगभग सब जान सकते हैं.
ताइवान और हांगकांग
चीन और ताइवान के विवाद पर डीपसीक ने कहा कि ताइवान प्राचीन काल से ही चीन का एक अटूट हिस्सा रहा है. चैटबॉट इसी तरह 2019 के हांगकांग विरोध प्रदर्शनों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं देता. यहां तक कि जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बारे में पूछा गया तो डीपसीक ने ज्यादा कुछ नहीं बताया.
सेंसरशिप और दक्षिण चीन सागर
जब चीन में सेंसरशिप और व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे ऐप पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पूछा गया, तो डीपसीक ने गोल-मोल जवाब दिए, जिससे चीन की इंटरनेट पॉलिसी के बारे में पता चला. चाइनीज एआई चैटबॉट प्रतिबंधों की आलोचना करने या चीन में वीपीएन के उपयोग पर चर्चा करने से बचता है.