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NTA में सुधार के लिए गठित कमेटी ने SC को सौंपी सिफारिशें, जानिए NEET-UG को लेकर क्‍या कहा


नई दिल्‍ली :

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) में सुधार को लेकर इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन की अगुआई में गठित उच्चस्तरीय कमेटी ने अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को सौंप दी है. सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी सिफारिश में मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा नीट-यूजी (NEET-UG) में छात्रों को मिलने वाले अनगिनत मौके खत्म करने की बात कही है. 

उच्‍चस्‍तरीय कमेटी ने अपनी सिफारिशों में कहा कि इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की परीक्षा जेईई-मेन की तर्ज पर नीट- यूजी के लिए भी अभ्यर्थियों को अब अधिकतम चार मौके दिए जा सकते हैं. इस सुझाव के पीछे नीट-यूजी से छात्रों की भीड़ को कम करना है. 

अभी इस परीक्षा में इस तरह की कोई रोक नहीं होने के चलते छात्र औसतन सात से आठ बार इसमें शामिल होते हैं. साथ ही अभी यह परीक्षा वर्ष में सिर्फ एक बार ही होती है, जबकि जेईई-मेन वर्ष में दो बार होती है.

आउटसोर्सिंग को भी खत्‍म करने की सिफारिश! 

सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने जो अहम सिफारिशें की हैं, उनमें परीक्षाओं से आउटसोर्सिंग को पूरी तरह से खत्म करना भी शामिल है. 

इसके साथ ही देशभर में परीक्षाओं को कराने के लिए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों को स्थायी परीक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की भी सिफारिश की गई है. 

सात सदस्‍यीय समिति में कौन-कौन हैं शामिल?

दरअसल, एनटीए में सुधार को लेकर इस समिति का गठन 22 जून 2024 को नीट-यूजी में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया था. 

यह भी पढ़ें :-  देश के छह उच्च न्यायालयों को मिल रहे नए चीफ जस्टिस, SC कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र ने लगाई मुहर

इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन की अगुआई में बनाई गई इस सात सदस्यीय समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, शिक्षाविद बीजे राव, के राममूर्ति, पंकज बंसल, आदित्य मित्तल के साथ शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल बतौर सदस्य शामिल हैं. 


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