देश

जनसंख्‍या के आधार पर परिसीमन स्‍वीकार नहीं… हमें राजनीतिक रूप से पहुंचाएगा नुकसान: रेवंत रेड्डी 


हैदराबाद:

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) ने शनिवार को कहा कि यदि केंद्र की राजग सरकार जनसंख्या के आधार पर परिसीमन करती है तो दक्षिणी भारत अपनी राजनीतिक आवाज खो देगा, ऐसे में दक्षिण के राजनीतिक दलों और नेताओं को ऐसे किसी भी कदम का विरोध करना चाहिए. चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन द्वारा लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन के विषय पर आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि यदि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन किया जाता है तो ‘उत्तर हमें दोयम दर्जे का नागरिक बना देगा.’

उन्होंने कहा, ‘‘…हम जनसंख्या के आधार पर परिसीमन को स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि तब उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान जैसे राज्य देश के बाकी हिस्सों पर हावी हो जाएंगे. हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते.”

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ‘जनसांख्यिकीय जुर्माना’ नीति लागू कर रही है.

‘देश की एकता का सम्मान करते हैं, लेकिन…’

रेड्डी ने कहा कि हालांकि तेलंगाना और अन्य राज्य देश की एकता का सम्मान करते हैं, लेकिन जनसंख्या के आधार पर परिसीमन को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि यह ‘‘हमें राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाएगा.”

उन्होंने लोकसभा सीट में वृद्धि न करके राज्यों के अंदर परिसीमन करने का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सीट बढ़ाए बिना परिसीमन लागू किया क्योंकि सीट बढ़ाने से राज्यों के बीच राजनीतिक शक्ति का असंतुलन पैदा हो जाता.

परिसीमन के लिए ‘प्रो-राटा’ फॉर्मूला भी स्वीकार्य नहीं: रेड्डी

रेड्डी कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने 2001 में भी सीट बढ़ाये बिना राज्यों में परिसीमन किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी ऐसा ही करना चाहिए.

यह भी पढ़ें :-  मौत के बाद भी हाथ से पकड़ा हुआ था स्टीयरिंग, चलती कार में हार्ट अटैक से दर्दनाक मौत

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि परिसीमन के लिए ‘प्रो-राटा’ फॉर्मूला भी स्वीकार्य नहीं होगा.

उन्होंने कहा,‘‘प्रो-राटा फॉर्मूला भी हमें नुकसान पहुंचाएगा. प्रो-राटा की समस्या यह है कि यह सत्ता के अंतर को बदल देता है. केंद्र सरकार एक सीट के बहुमत से तय होती है. हमारे पास एक वोट के कारण केंद्र सरकार गिरने का इतिहास है. इसलिए प्रो-राटा फॉर्मूला भी हमें राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाएगा.”

‘भेदभाव की नीति’ को खत्म करे केंद्र : रेड्डी

उन्होंने दावा किया कि अब समय आ गया है कि केंद्र दक्षिण और पंजाब के खिलाफ ‘भेदभाव की नीति’ को खत्म करे और इन राज्यों को ‘पिछले 50 वर्षों से राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान’ के लिए पुरस्कृत करे.

उन्होंने कहा कि फिलहाल 543 लोकसभा सीट में से दक्षिण में 130 सीट हैं, जिसका मतलब है कि 24 प्रतिशत का राजनीतिक अनुपात.

उन्होंने कहा कि दक्षिण की राजनीतिक मांग है कि परिसीमन के बाद इसे बढ़ाकर लोकसभा सीट का 33 प्रतिशत किया जाए.

रेवंत रेड्डी और कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ ने स्टालिन द्वारा बुलाई गई परिसीमन बैठक में भाग लिया, जबकि बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने अपनी पार्टी की ओर से सम्मेलन में हिस्सा लिया.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button