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बलूचिस्तान में हाईजैक हुई ट्रेन को छुड़या गया, 27 बीएलए लड़ाके ढेर: पाकिस्तान आर्मी


क्वेटा:

बलूचिस्तान में हाईजैक हुई ट्रेन को छुड़वा लिया गया है और सभी आतंकी मारे गए हैं, पाकिस्तानी सेना ने ये जानकारी दी है. इस बीच बीएलए के कमांडर ने एक वॉइस मैसेज मीडिया में जारी कर बताया, ‘पाकिस्‍तानी फौज ने उन्‍हें घेर लिया है. फायरिंग और गोलीबारी हो रही है. हमारे ग्रुप के लिए दुआ मांगिए.’  बलूचिस्तान के बोलन जिले के पास जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बीएलए चरमपंथियों द्वारा हाईजैक कर लिया गया था. मंगलवार को क्वेटा से लगभग 157 किलोमीटर दूर मश्कफ सुरंग के पास चरपमंथियों ने जाफर एक्सप्रेस पर हमला किया और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों सहित 400 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था. इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली थी.

पाकिस्‍तान आर्मी की ओर से जानकारी मिल रही है कि उन्‍होंने ट्रेन को मुक्‍त करा लिया है. लेकिन साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लड़ाके अपने साथ कई लोगों को पहाड़ी एरिया में ले गए हैं. इसलिए अभी तक ये पाकिस्‍तानी आर्मी का ऑपरेशन अभी पूरा नहीं हुआ है. पाकिस्‍तान आर्मी अब उन बंधकों को छुड़ाने में जुटी है, जिन्‍हें बीएलए के लड़ाके अपने साथ ले गए हैं. साथ ही ये भी जानकारी सामने आ रही है कि पाकिस्‍तान आर्मी ने 27 बीएलए के लड़ाकों को मार गिराया है.

बीएलए बलूचिस्तान की आजादी चाहता है. यह कई जातीय विद्रोही समूहों में से सबसे बड़ा है, जिसने दशकों से पाकिस्तान सरकार से लड़ाई लड़ी है. संगठन का कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही. बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है. बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है. इसे भू-आर्थिक और भू-रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है फिर भी यह अशांत रहता है. बलूचिस्तान को प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर माना जाता है. इसके बावजूद विकास की दौड़ में सबसे पीछे रह गया है.

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यह पहली बार है जब बलूचिस्तान प्रांत में बीएलए या किसी भी उग्रवादी समूह ने यात्री ट्रेन को ‘हाइजैक’ करने का सहारा लिया, हालांकि पिछले वर्ष उन्होंने प्रांत के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों, प्रतिष्ठानों और विदेशियों पर हमले बढ़ा दिए थे. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि हमले में कितने उग्रवादी शामिल थे, लेकिन उनमें से कुछ अपने आकाओं के संपर्क में रहने के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रहे थे.

बलूचिस्तान में पिछले एक साल में उग्रवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले वर्ष नवंबर में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया था जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी और 62 अन्य घायल हो गए थे. इसके बाद रेलवे ने कई सेवाएं स्थगित कर दी थीं.



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