The Hindkeshariइलेक्शन कार्निवल : उज्जैन में क्षिप्रा नदी, शिक्षा, स्वास्थ्य प्रमुख मुद्दा; जनता ने कहा- कांग्रेस और BJP ने नहीं उठाया कोई कदम
देश में 7 चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के तीन चरण हो चुके हैं. आधी से अधिक सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं. The Hindkeshariदेश की जनता की राय और मूड को जानने के लिए देश के कई शहरों में पहुंचा है. कई राज्यों के बाद बुधवार को हमारा ‘ The Hindkeshariइलेक्शन कार्निवल’ ( The HindkeshariElection Carnival) मध्यप्रदेश का उज्जैन पहुंचा. उज्जैन कई राजनीति के साथ-साथ सांस्कृतिक तौर पर भी बेहद महत्वपूर्ण शहर है. उज्जैन लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. लंबे समय से उज्जैन में बीजेपी और कांग्रेस के बीच आमने-सामने का मुकाबला देखने को मिलता रहा है. उज्जैन आलोट सीट से कांग्रेस की तरफ से महेश परमार को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं बीजेपी से अनिल फिरोजिया उम्मीदवार बनाए गए हैं. 13 ंमई को यहां वोट डाले जाएंगे.
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बीजेपी से सुल्तान सिंह शेखावत
बीजेपी नेता सुल्तान सिंह शेखावत ने कहा कि क्षिप्रा नदी की साफ सफाई को लेकर बीजेपी की सरकार की तरफ से समय-समय पर कदम उठाए गए हैं. गंगा नदी के प्रॉजेक्ट के साथ क्षिप्रा नदी को जोड़ने का काम हमने किया है. बीजेपी नेता ने कहा कि ट्रैफिक समस्या को सुधारने के लिए नई भर्तियां की ग यी है. बहुत जल्द उनकी नियुक्ति हो जाएगी.
कांग्रेस से दिनेश जैन
कांग्रेस नेता दिनेश जैन ने क्षिप्रा नदी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमारे उम्मीदवार ने लोगों के बीच इस मुद्दे को उठाते हुए इस नदी में स्नान किया है. जिससे की लोग देख सके कि यह कितनी प्रदूषित है. 10 साल में इसकी सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं लेकिन परिणाम कुछ भी नहीं निकला. कांग्रेस नेता ने कहा कि शिक्षा का स्तर उज्जैन में बेहद खराब है. यहां तक कि कोचिंग करने के लिए भी हमारे युवाओं को बाहर जाना पड़ता है. वही हालत स्वस्थ्य व्यवस्था की भी है. पूरे उज्जैन में छोटे-छोटे अस्पताल तो हैं लेकिन डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं. स्कूल हैं लेकिन शिक्षक नहीं है.
वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन सिंह चंदेल
वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन सिंह चंदेल ने कहा कि क्षिप्रा नदी की सफाई को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सरकारों में कदम उठाए गए लेकिन दोनों में से कोई भी सफल नहीं हुए. पिछले 25 साल में किसी भी दल की सरकार रही हो सही दिशा में शायद कदम नहीं उठाया गया. यही कारण है कि नदी अब भी साफ नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि उज्जैन में लंबे समय तक उद्योग धंधे को लेकर हालात अच्छी नहीं थी हालांकि पिछले कुछ समय में सुधार देखने को मिला है.
जनता ने क्या सवाल उठाया
युवाओं की तरफ से बेरोजगारी और शिक्षा को सबसे अहम मुद्दा उज्जैन का बताया गया. वहीं महिला सुरक्षा के मुद्दे को भी जनता ने उठाया. महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध और रोजगार के मुद्दे भी उठाए गए. किसानों के मुद्दे और एमएसपी जैसे मांग और खाद की मंहगाई के मुद्दे को भी जनता ने उठाया.
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