The Hindkeshariवर्ल्ड समिट : स्थिरता, स्थायित्व और समाधान भविष्य की जरूरी शर्तें, जानिए पीएम मोदी की कही 10 बड़ी बातें
स्थिरता और स्थायित्व और समाधान सबसे बड़ी शर्ते: पीएम मोदी ने कहा कि स्थिरता और स्थायित्व के साथ-साथ भारत आज समाधान पर भी फोकस कर रहा है. उन्होंने कहा, “बीते दशक में भारत ने ऐसे कई समाधान पर काम किया है जो ग्लोबल चुनौती से निपटने के लिए जरूरी है. इसके लिए इंटरनेशनल सोलर एलायंस हो, इंडिया मिडिल ईस्ट इकोनॉमिक कॉरिडोर हो, ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस हो, आयुर्वेदा हो, मिशन लाइफ हो, मिशन मिलेट्स हो, भारत की तरफ से की गई सभी पहल दुनिया की चुनौतियों के लिए एक समाधान देने वाली हैं.”
भारत का सामर्थ्य दुनिया को बेहतर बनाएगा: पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ” मुझे खुशी है कि भारत का बढ़ता सामर्थ्य दुनिया की बेहतरी को सुनिश्च करता है. भारत जितना आगे बढ़ेगा, दुनिया को उतना ही फायदा होगा. हमारा प्रयास होगा भारत की सेंचुरी सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि दुनिया की सेंचुरी बने. एक ऐसी सदी जो सभी की प्रतिभा से आगे बढ़े, जो सभी के इनोवेशन से समृद्ध हो, जहां गरीबी न हो, सभी के पास आगे बढ़ने के अवसर हो. एक ऐसी सदी जिसमें भारत के प्रयासों से दुनिया में स्थिरता आए और विश्व शांति को बढ़ावा मिले.
हमारी सरकार तेजी से काम कर रही है: भारत हर क्षेत्र में जिस तेजी से काम कर रहा है, वो अभूतपूर्व है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल का 125 दिन पूरा हुआ. इसमें हमने गरीबों के लिए तीन करोड़ पक्के घरों को मंजूरी दी है. इस दौरान हमने 9 लाख करोड़ रुपए के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है, 15 नई वंदे भारत ट्रेन चलाई है, 8 नए एयरपोर्ट के काम शुरू हुए हैं, युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया है.
कोविड संकट ने दुनिया को बदल दिया: कोविड बढ़ा तो दुनिया भर की economy को लेकर चिंता होने लगी. कोरोना ने महंगाई और बेरोजगारी पर चिंता बढ़ायी. Climate change को लेकर चिंता तो थी ही, फिर जो युद्ध शुरू हुए, उनकी वजह से चिंता और बढ़ गई.
दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच भारत उम्मीद की किरण बना: पीएम ने कहा, ‘आज जब चर्चा का केंद्र चिंता ही है, तब भारत में चर्चा का विषय है ‘भारत की शताब्दी.’ दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच भारत उम्मीद की एक किरण बना है. जब दुनिया चिंता में डूबी है, तब भारत आशा का संचार कर रहा है.’ मोदी ने कहा कि हालांकि भारत की अपनी चिंताएं हैं, लेकिन इसमें सकारात्मकता की भावना है जो सभी भारत के लिए महसूस भी करते हैं.
जो सपने हमने देखे उसमें न चैन है न आराम है: प्रधानमंत्री ने बताया कि पब्लिक लाइफ में मुझे कई बार भांति भांति के लोग मिल जाते हैं. वे कहते हैं तीन बार सरकार बना ली, इतनी दौड़ धूप क्यों कर रहे हो. देश को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना लिया है, फिर इतनी मेहनक की क्या जरूरत है. ऐसे बोलने वाले ढेर सारे लोग मिल जाते हैं. लेकिन जो सपने हमने देखें उसमें न चैन है न आराम है.
चुनावों में जीत स्थायित्व के उदाहरण: 6 दशक में पहली बार देश के लोगों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार को अपना जनादेश दिया है. ये stability का संदेश है.
भारत के पास 2 तरह के AI हैं: दुनिया और हमारे पास Artificial Intelligence तो है ही, लेकिन हमारे दूसरी AI भी है यानी Aspirational India.जब Aspirational India और Artificial Intelligence की ताकत मिलती है, तब विकास की गति भी तेज होनी स्वाभाविक है.
सफलता के मापदंड बदल गए हैं: अब सफलता का मापदंड सिर्फ ये नहीं है कि हमने क्या पाया… अब हमारा आगे क्या लक्ष्य है, हमें कहां पहुंचना है…हम उस ओर देख रहे हैं.
पिछले 10 साल में भारत में 12 करोड़ शौचालय बने: पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले. पिछले 10 सालों में करीब 12 करोड़ शौचालय बने, 16 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन मिले.