The HindkeshariMahakumbh Conclave: देश के बड़े संत और अर्थशास्त्री समझाएंगे महाकुंभ का अर्थशास्त्र
मुंबई:
The Hindkeshariकॉन्क्लेव में आज दुनिया के सबसे बड़े आयोजन ‘महाकुंभ’ पर सबसे बड़ी चर्चा होगी. ये कॉन्क्लेव दोपहर साढ़े 11 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा. इस चर्चा में देश के सबसे बड़े संत और अर्थशास्त्री एक साथ एक मंच पर महाकुंभ के आर्थिक पहलू और उसके असर पर बात करेंगे. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष… शास्त्र बताते हैं, इनमें गहरा नाता है. इस सनातन शिक्षा का आधुनिक मूर्त रूप है प्रयागराज का अनोखा महाकुंभ. इस बार महाकुंभ की भव्य तैयारियां की गई हैं. प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान 45 दिन में 45 करोड़ श्रद्धालु, 7500 करोड़ रुपये का बजट, 4000 हेक्टेयर में मेला क्षेत्र, 13 हजार ट्रेने, 1.6 लाख से ज्यादा टेंट, 2700 आर्टिफिशियल (AI) तकनीक वाले कैमरे, कुंभ क्षेत्र में 488 किलोमीटर की सड़कें, 67 हजार एलईडी लाइट, 200 वाटर एटीएम का इंतजाम किया गया है.
महाकुंभ का अर्थशास्त्र आखिर है क्या?
इस कॉन्क्लेव में हम दिग्गजों से समझने की कोशिश करेंगे कि महाकुंभ का अर्थशास्त्र आखिर है क्या? ग्रह-नक्षत्रों के विशिष्ट खगोलीय संयोग से 144 वर्ष बाद पड़ रहे महाकुंभ-2025 के दिव्य-भव्य आयोजन में सभी अखाड़े तिथि और परंपरा अनुसार महाकुंभ मेला क्षेत्र में छावनी प्रवेश कर रहे हैं. अर्ध कुंभ और फिर पूर्ण कुंभ के आयोजन के बीच यह महाकुंभ है, जो बारह वर्षों के बाद त्रिवेणी संगम में स्नान और लाखों संतों के दर्शन का अद्भुत अवसर प्रदान करता है. यह हर सनातनी के लिए सौभाग्य की बात है कि वह इस महाकुंभ में हिस्सा ले सकता है. देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से लोग कुंभ स्नान और संतों का दर्शन करने के लिए आते हैं, और यह हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है.
#MahakumbhConclave | दुनिया के सबसे बड़े आयोजन पर सबसे बड़ी चर्चा, देश के सबसे बड़े संत और अर्थशास्त्री एक साथ एक मंच पर महाकुंभ के आर्थिक पहलू और उसके असर पर करेंगे बात.
मुंबई कॉन्क्लेव में दिग्गजों से समझिए महाकुंभ का अर्थशास्त्र
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— The HindkeshariIndia (@ndtvindia) January 7, 2025
144 वर्ष बाद आया ये मुहूर्त
मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुंभ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है. अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुंभ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ-2025 होने जा रहा है. यह मुहूर्त 144 वर्ष बाद आया है. महाकुंभ के बहाने प्रयागराज और आसपास के शहरों का भी कायाकल्प हुआ है. 200 से अधिक सड़कों को सिंगल से डबल, डबल से फोरलेन, फोरलेन से सिक्सलेन बनाया गया. एक वर्ष में एक शहर में 14 नए फ्लाईओवर बनकर तैयार हुए. रेलवे स्टेशनों का पुनरुद्धार हुआ, एयरपोर्ट नए सिरे से देखने को मिल रहा है.
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