राम-राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
खास बातें
- उपराष्ट्रपति ने कहा कि राम राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है
- उन्होंने कहा कि पीड़ा होती है जब हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक हैं
- उन्होंने कहा कि 35 बनाम 1 की बात समाज को बांटने वाले करते हैं
नई दिल्ली :
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि राम राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है. उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने बहुत सोच समझ कर मौलिक अधिकारों के ऊपर राम-लक्ष्मण-सीता का चित्र रखा है. धनखड़ ने कहा मुझे बहुत पीड़ा होती है, जब कोई अज्ञानी, इतिहास से अनभिज्ञ, हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक हैं. उपराष्ट्रपति ने जयपुर में आयोजित नेशनल इलेक्ट्रो होम्योपैथी सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बातें कही.
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उपराष्ट्रपति ने कहा, “मुझे राम मंदिर के संबंध में निमंत्रण मिला तो मैंने कहा कि राम की कल्पना, राम-राज्य की कल्पना भारत के संविधान में निहित है. संविधान के निर्माताओं ने इसको पराकाष्ठा पर रखा है. संविधान में जो बीस से ज्यादा चित्र हैं, उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो चित्र है उसमें राम-लक्ष्मण-सीता हैं. मुझे बहुत पीड़ा होती है जब कोई अज्ञानी, इतिहास से अनभिज्ञ, हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक है. वह वर्तमान में किसी का अनादर नहीं कर रहे हैं, वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कर रहे हैं, जिन्होंने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से उन चित्रों को वहां रखा है.”
मुझे राम मंदिर के संबंध में निमंत्रण मिला तो मैंने कहा:
राम की कल्पना,
राम-राज्य की कल्पना भारत के संविधान में निहित है।संविधान के निर्माताओं ने इसको पराकाष्ठा पर रखा है।
संविधान में जो बीस से ज्यादा चित्र हैं, उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो ऊपर चित्र है उसमें… pic.twitter.com/mgRwEhtzLZ
— Vice President of India (@VPIndia) January 13, 2024
साथ ही उन्होंने कहा कि 35 बनाम एक की बात वही लोग करते हैं, जो राजनीतिक फायदे के लिए समाज को हिस्सों में बांटना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की नहीं बल्कि उनको जागरूक करने और समझाने की दरकार है.
उन्होंने कहा कि भारतीयता और राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित रहें. साथ ही कहा कि देश को बांटने वालों से सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि आज विकसित देश भी भारत का लोहा मान रहे हैं.
आर्थिक राष्ट्रवाद का किया आह्वान
इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने आर्थिक राष्ट्रवाद का आह्वान किया और कहा कि किसान अपने युवाओं को कृषि और कृषि संबंधित व्यवसाय से जोड़ें. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हजारों सालों की पूंजी है, उसे अपनाएं.
हरिशंकर भाभड़ा के घर जाकर पूछी कुशलक्षेम
उपराष्ट्रपति ने अपनी जयपुर यात्रा के दौरान राजस्थान के पूर्व स्पीकर और पूर्व उप-मुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा के घर जाकर उनका कुशलक्षेम भी जाना. वहीं पूर्व न्यायमूर्ति और पूर्व राज्यपाल एन एल टिबरेवाल को श्रद्धांजलि दी.
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