OCCRP को लेकर सामने आयी रिपोर्ट का मुद्दा संसद में गूंजा, क्या विदेशी ताकत की तरफ से हो रही है लगातार साजिश?
नई दिल्ली:
भारत दुनिया में तेजी से एक शक्ति के तौर पर स्थापित हो रहा है. पिछले कुछ सालों में देश ने हर क्षेत्र में अपने प्रदर्शन में सुधारे हैं. हालांकि भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक ताकत को रोकने के लिए समय-समय पर विदेशी साजिश होती रही है. पिछले कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने लिए कुछ विदेशी एजेंसी और संगठन सक्रिय रहे हैं. जॉर्ज सोरोस (George soros) जैसे लोगों की मदद से भारत की आर्थिक ताकत को कमजोर करने के लिए कई फर्जी और भ्रमित करने वाले रिपोर्ट जारी किए जाते हैं. राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को इस बड़ी साजिश के मुद्दे को उठाया. बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने एक फ्रेंच पब्लिकेशन की रिपोर्ट के आधार पर ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को लेकर संसद में बड़ा खुलासा किया.
सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा?
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पिछले 3 साल में संसद का सत्र शुरू होते ही भारत के सामरिक, आर्थिक और सामाजिक हित के खिलाफ रिपोर्ट जारी की जाती रही है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एक फ्रेंच पब्लिकेशन ने ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस संगठन को फॉरन फंडिंग मिलते रहे हैं. इसका संबंध जॉर्ज सोरोस के साथ भी है.
क्या ये रिपोर्टें बस संयोग हैं? BJP सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संसद में भारत विरोधी विदेशी ताकतों का खोला कच्चा चिट्ठा#SudhanshuTrivedi pic.twitter.com/3yxMwzMB9Z
— The HindkeshariIndia (@ndtvindia) December 5, 2024
क्या है OCCRP
- आर्गनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट के तौर पर इसे जाना जाता है.
- संगठन दावा करता है कि दुनिया भर में उसके पास पत्रकारों का नेटवर्क है.
- संगठन अपने पत्रकारों के जरिए संगठित अपराध और करप्शन पर खोजी रिपोर्टिंग का दम भरता है.
- OCCRP खुद को स्वतंत्र संगठन बताता है, लेकिन वह चलता कैसे है, इसको लेकर बड़ा झोल है.
- अमेरिकी सरकार से उसे भारी फंड मिलता है. अब इसको लेकर वह सवालों के घेरे में है.
- फ्रेंच अखबार मीडिया पार्ट ने 2 दिसंबर को एक खोजी आर्टिकल में संगठन की पोल खोली है.
- इस आर्टिकल में OCCRP के बारे में कहा गया है कि उसके और अमेरिकी एजेंसियों के बीच गुप्त संबंध हैं.
- रिपोर्ट में बताया गया है कि खुद को स्वतंत्र संगठन बताने वाला OCCRP के नीति नियंता अमेरिकी एजेंसियों के इशारे पर चलते हैं.
- फ्रांसीसी अखबार ने खुलासा किया कि अमेरिकी सरकार ने OCCRP को ‘वेनेजुएला में भ्रष्टाचार का खुलासा करने और उससे लड़ने’ के लिए 1,73,324 डॉलर दिए. वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की अमेरिकी सरकार से दुश्मनी जगजाहिर है.
जॉर्ज सोरोस का कनेक्शन क्या है?
- मीडिया पार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक OCCRP की फंडिंग का बड़ा हिस्सा ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से आता है.
- ओपन सोसाइटी फाउंडेशन जॉर्ज सोरोस का है. ऐसे में OCCRP को करीब 70 पर्सेंट फंड सोरोस से आता है.
- अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस अपनी भारत और मोदी विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं
सोरोस पर फ्रेंच अखबार की रिपोर्ट में है क्या
रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘5 अक्टूबर 2005 को OCCRP रिपोर्टर्स को भेजे गए एक ईमेल में, ड्रू सुलिवन (OCCRP के को-फाउंडर) ने लिखा: ‘जॉन (गोएट्स, जर्मन टेलीविजन NDR के रिपोर्टर) यह प्रचार कर रहे हैं कि OCCRP के किसी कर्मचारी या सदस्य ने उन्हें बताया कि OCCRP अमेरिका पर स्टोरी नहीं करता. अगर यह आपकी राय है तो ठीक है और शुरुआत के वर्षों में यह ज्यादातर सही था क्योंकि हम अमेरिकी सरकार या सोरोस के पैसे का इस्तेमाल अमेरिका पर स्टोरीज के लिए नहीं कर सकते थे.”
डीप स्टेट क्या है
OCCRP को अमेरिका के अंदर की एजेंसियों से भी फंड मिलता है. ये डीप स्टेट पर उनकी हिसाब से करने का आरोप है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद में उठे सवाल
हिंडनबर्ग की भ्रामक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि 22 जुलाई से 9 अगस्त के बीच संसद का मानसून सत्र हुआ और 10 अगस्त को हिडनबर्ग की रिपोर्ट आई. 25 नवंबर से वर्तमान सत्र शुरू हुआ और 20 नवंबर को एक अमेरिकी कोर्ट में अटॉर्नी की रिपोर्ट जारी हुई. क्या यह एक महज संयोग है? बीजेपी सांसद ने कहा कि 20 जुलाई 2023 को संसद का सत्र की शुरुआत होने वाली थी और 19 जुलाई को मणिपुर का वीडियो सामने आया. क्या यह सब महज एक संयोग ही था. बीजेपी सांसद ने एक के बाद कई रिपोर्ट का जिक्र कर भारत को अस्थिर करने की साजिश का जिक्र किया.
सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा यह संयोग है या प्रयोग?
- बीजेपी सांसद ने कहा कि किसानों को लेकर रिपोर्ट आयी 3 फरवरी 2021 को और बजट सत्र की शुरुआत हुई थी 29 जनवरी 2021 से.
- पेगासस रिपोर्ट आती है 18 जुलाई 2021 को और मानसून की शुरुआत होती है 19 जुलाई 2021 से.
- 31 जनवरी 2023 से भारत का बजट सत्र शुरू होता है और 24 जनवरी 2023 को हिडंनबर्ग की रिपोर्ट सामने आयी.
- जनवरी 2023 में संसद के सत्र की शुरुआत होती है और 17 जनवरी 2023 को बीबीसी की तरफ से डॉक्यूमेंट्री लायी जाती है.
- 20 जुलाई 2023 को भारत के सांसद का सत्र शुरू होता है और मणिपुर हिंसा का वीडियो 19 जुलाई को सामने आता है. सत्र शुरू होने के ठीक एक दिन पहले.
- 10 मई 2024 को कोविड वैक्सीन को लेकर एक रिपोर्ट छपती है. जिस समय भारत में आम चुनाव हो रहे होते हैं.
- वर्तमान सत्र 25 नवंबर से शुरू होता है और 20 नवंबर को अमेरिकन कोर्ट के अटॉर्नी की रिपोर्ट आती है भारत के एक बिजनेस हाउस के संर्दभ में.
कौन है जॉर्ज सोरोस जो भारत के खिलाफ करता है साजिश
हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 12 अगस्त, 1930 को पैदा होनेवाला जॉर्ज सोरोस अमेरिकी नागरिक है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार आज की तारीख में करेंसी बाजार में कारोबार करता है. इसके अलावा स्टॉक्स का बड़ा निवेशक भी वो माना जाता है.. कुछ व्यापार हैं और राजनीतिक बयानबाजी के साथ ही कुछ सामाजिक संस्थाओं से भी वो जुड़ा रहा है. ब्रिटेन के मुद्रा संकट के जॉर्ज सोरोस ने बिलियन डॉलर का फायदा कमाया था.
जार्ज सोरोस अपनी कंपनी सोरोस फंड मैनेजमेंट और ओपन सोसाइटी यूनिवर्सिटी नेटवर्क (OSUN) का प्रमुख है. बता दें कि OSUN एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसमें दुनिया की सभी यूनिवर्सिटी के लोग पढ़ा और शोध करते हैं. सोरोस इसे अपने जीवन का सबसे अहम प्रोजेक्ट मानते हैं. वे इसमें अपनी कमाई का काफी बड़ा हिस्सा लगाते हैं.
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