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PM मोदी के पैर धोने का पल आज भी याद करते हैं कुंभ के सफाईकर्मी, बोले- आज तक ऐसा कोई नेता नहीं देखा

संगम नगरी प्रयागराज में हाल ही में 2025 दिव्य-भव्य महाकुंभ संपन्न हुआ. हर बार की तरह इस बार भी सफाईकर्मियों ने अपने अथक परिश्रम से कुंभ मेले को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन 2019 के अर्धकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सफाईकर्मियों का सम्मान किया था, वह दृश्य आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है. 2019 के कुंभ में सफाईकर्मियों के पांव धोकर उन्हें सम्मानित करने वाले प्रधानमंत्री मोदी के उस ऐतिहासिक पल को याद करते हुए सफाई कर्मी आज भी गर्व महसूस करते हैं. सफाई का कार्य करने वाली ज्योति मेहतर ने कहा कि हमने पहले कभी नहीं सोचा था कि कोई प्रधानमंत्री सफाई कर्मियों का इतना सम्मान करेगा. आज तक किसी नेता ने हमें इतना सम्मान नहीं दिया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे चरण पखारे और हमें गौरवान्वित किया. यह पल हमें हमेशा याद रहेगा, खासकर जब कुंभ मेले में काम करते हैं, तब यह यादें और ताजा हो जाती हैं.

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए इस सम्मानजनक कदम के अलावा ज्योति यह भी मानती हैं कि मोदी सरकार की योजनाएं सभी के लिए समान रूप से लागू होती हैं, बिना किसी भेदभाव के. वह कहती हैं कि सरकार की योजनाओं का लाभ हर वर्ग को मिलता है, चाहे वह कोई भी हो. मोदी जी सबको बराबर मानते हैं और संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का भी उतना ही सम्मान करते हैं.

वहीं सफाईकर्मी नरेश ने भी 2019 के उस क्षण को याद करते हुए कहा कि आज तक हमने ऐसा कोई नेता नहीं देखा, जिन्होंने किसी सफाई कर्मी का पांव धोया हो. पीएम मोदी गरीब और अमीर में कोई फर्क नहीं करते हैं. उन्होंने हमें ऐसा सम्मान दिया है, जिससे हम लोगों को काफी खुशी होती है.

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सफाईकर्मी ने कहा कि पीएम मोदी की वजह से हमारे साथ अब कोई भेदभाव नहीं होता है. प्रधानमंत्री मोदी ने जो किया, वह हमारी पूरी बिरादरी के लिए गर्व की बात थी. इससे हमें यह एहसास हुआ कि हमारा काम भी समाज के लिए बहुत जरूरी है और हमें भी सम्मान मिलना चाहिए.

बता दें कि 2019 में प्रयागराज के अर्ध कुंभ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपने हाथों से सफाईकर्मियों के पांव धोकर उन्हें सम्मान दिया था. यह दृश्य न केवल सफाईकर्मियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए सामाजिक समानता और सम्मान की एक मिसाल बन गया था। यह कदम स्वच्छता और श्रम की गरिमा को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि समाज के हर वर्ग का सम्मान किया जाना चाहिए. इस बार प्रयागराज का महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बन गया, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने पहुंचे थे. इस भव्य आयोजन में सफाईकर्मियों की भूमिका बेहद अहम थी. 2025 के कुंभ मेले में भी सफाईकर्मियों ने पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभाई और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए सम्मान को याद कर गर्व महसूस कर रहे हैं.

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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