महाप्रभु जगन्नाथ के रत्न भंडार की गुम हुई चाबी का रहस्य सामने आए – The Hindkeshariसे बोले अमित शाह

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव से पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह ने The Hindkeshariसे एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार की जमकर आसोचना की.अमित शाह ने ओडिशा की नवीनबाबू सरकार को झोलाछाप सरकार करार दिया. इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने महाप्रभु जगन्नाथ के रत्नभंडार की गुम चाबी के रहस्य का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि रत्नभंडार की चाबी रहस्यमयी ढंग से गुम होने का मामला सहस्यमयी ही रह गया. इसे सबके सामने आना चाहिए, क्यों कि यह श्रद्धा का विषय है. कोर्ट की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई, लेकिन श्रद्धा के मुद्दे को सार्वजनिक करना जरूरी है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चाबी गुम होने पर जांच आयोग बना. इस बीच नकली चाबी बनाए जाने की भी बात सामने आई. अगर नकली चाबी बनाई भी गई है, तो इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. रत्न भंडार खुला या नहीं खुला, ओडिशा सरकार ने इसे लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है. इसे लेकर जांच भी बिठाई गई, लेकिन पिछले 7 साल से जांच रिपोर्ट तक सार्वजनिक नहीं की गई है. शाह ने कहा कि महाप्रभु का रत्नभंडार जगन्नाथ जी के दुनियाभर में फैले हुए भक्तों की श्रद्धा का विषय है. इस तरह के श्रद्धा के विषयों को रहस्यमय नहीं रखा जाना चाहिए.
जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार
देश के गृहमंत्री ही नहीं उनसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ओडिशा में जगन्नाथ जी के रत्नभंडार की खोई हुई चाबी का जिक्र कर चुके हैं. पईेम मोदी ने कहा था कि जगन्नाथ मंदिर सुरक्षित नहीं है. रत्नभंडार की चाबी पिछले 6 साल से गायब है, इसको तमिलनाडु भेजे जाने की बात भी पीएम ने कही थी.
क्या है जगन्नाथ मंदिर की खोई हुई चाबी का मामला?
हिंदू धर्म के चार धामों में से एक माने जाने वाले जगन्नाथ मंदिर का जब निर्माण हुआ, उस दौरान वहां एक रत्नभंडार भी बनाया गया था.यह वो जगह है, जहां पर दीनों देवों जगन्नाथ, बालभद्र और उनकी बहन सुभद्रा को भक्तों और कई राजाओं द्वारा चढ़ाए गए गहने रखे गए हैं. जानकारी के मुताबिक इन गहनों की कीमत करोड़ों और अरबों में है.