Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

SC में जमा था पासपोर्ट, फिर भी US चला गया NRI, कोर्ट ने केंद्र से कहा- पता करिए किसने भगाया


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के सामने बुधवार को ऐसा मामला आया, जिसने न सिर्फ जजों, बल्कि कोर्ट रूम में मौजूद सभी को चौंका दिया. अदालत की अवमानना ​​के लिए दोषी ठहराए गए और पासपोर्ट जमा कराकर देश छोड़ने पर रोक लगा दिए जाने के बाद एक NRI अमेरिका जाने में सफल हो गया. अब नाराज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को उसे गिरफ्तार कर वापस लाने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है. अदालत ने सरकार को यह भी पता लगाने का निर्देश दिया कि उसे भागने में किसने मदद की थी. 

दरअसल, NRI पर कोर्ट की अवमानना ​​का आरोप लगा था. उसने अपने 10 साल के बच्चे की कस्टडी अपनी पूर्व पत्नी को सौंपने के आदेश का पालन नहीं किया था. बच्चे की कस्टडी तलाक के बाद सभी विवादों को समाप्त करने के लिए उनके बीच हुए समझौते का हिस्सा था.

‘ये तो समानता के अधिकार का…’, PG मेडिकल सीटों में डोमिसाइल आधारित आरक्षण पर SC ने और क्या कुछ कहा, आप भी जान लें

22 जनवरी को अवमानना ​​कार्यवाही की सुनवाई में NRI अदालत में पेश नहीं हुआ, लेकिन उसका प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर वकील विकास सिंह ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर हाजिर होगा. 29 जनवरी को अगली तारीख पर भी वह पेश नहीं हुआ.

वकील विकास सिंह ने अदालत को बताया कि वह अमेरिका चला गया है. इसपर हैरानी जताते हुए जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया.

यह भी पढ़ें :-  सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार, अजित पवार गुट को आदेश का पालन करने को कहा
बेंच ने कहा, “आज, हमें किसी और ने नहीं बल्कि कथित अवमाननाकर्ता/प्रतिवादी की ओर से उपस्थित विद्वान वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सूचित किया है कि कथित अवमाननाकर्ता/प्रतिवादी अमेरिका चला गया है. हम इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि कथित अवमाननाकर्ता/प्रतिवादी बिना पासपोर्ट के अमेरिका या किसी अन्य देश के लिए कैसे जा सकता है, जबकि उनका पासपोर्ट इस न्यायालय के पास है. जो भी हो, अब आज हमारे पास कथित अवमाननाकर्ता/प्रतिवादी  के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. प्रतिवादी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाता है, इसे कानून के अनुसार निष्पादित किया जाए.”

बेंच ने कहा कि हम गृह मंत्रालय को प्रतिवादी को गिरफ्तार करने के लिए कानून के तहत हर संभव कदम उठाने का निर्देश देते हैं, ताकि उसे न्याय के कटघरे में लाया जा सके. इस संबंध में हम केएम नटराज, ASG से इस न्यायालय की सहायता करने का अनुरोध करते हैं. नटराज इस अदालत को अवगत कराएंगे कि प्रतिवादी को पासपोर्ट और इस न्यायालय की अनुमति के बिना इस देश को छोड़ने की अनुमति कैसे दी गई.

अदालत ने ये भी कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय की सहायता से, जांच करें  और अवगत करा सकते हैं कि देश से भागने में प्रतिवादी की किसने सहायता की और इसमें कौन अधिकारी और अन्य व्यक्ति शामिल थे. 

मुकदमा सबसे पहले अमेरिका के मिशिगन में शुरू हुआ था, जहां 11 साल की शादी के बाद 2017 में दंपति का तलाक हो गया था. उनकी पूर्व पत्नी ने भी भारत में उनके खिलाफ कई कार्यवाही शुरू की, लेकिन अक्टूबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पक्षों के बीच समझौता हुआ. जिसके अनुसार वह बच्चे की कस्टडी पूर्व पत्नी को देगा. लेकिन NRI ने इसका पालन नहीं किया और उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की गई.

यह भी पढ़ें :-  देश में IPC की जगह नया आपराधिक कानून 1 जुलाई से होगा लागू

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में माना था कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया अवमानना ​​का मामला बनता है. बेंच ने कहा कि वो पिछले पांच वर्षों से जानबूझकर  न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर रहा है.

‘तीन बार तलाक बोलकर तलाक नहीं हो सकता…’, कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा और क्यों मांगी केंद्र से रिपोर्ट, पढ़ें हर एक बात



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button