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महाराष्ट्र में वोटिंग के बाद होगा असली खेला! जरा नेताओं के बयानों के इशारे समझिए

महायुति गठबंधन का दावा है कि वह इस चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में फिर वापसी करने जा रही है


नई दिल्ली:

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तहत मतदान जारी है. सुबह सात बजे से ही अलग-अलग जगहों पर मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है. इस बार के चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधा मुकाबला है. महाराष्ट्र की राजनीति में कौन किसके साथ और कब गठबंधन करेगा ये कभी भी तय नहीं रहा है. जब जिसे जहां जैसे हुआ वैसे अपने सहूलियत औऱ सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए नए-नए गठबंधन बनाते दिखा. अब जब सूबे में फिलहाल मतदान हो रहे हैं तो मतदान पूरा होने से पहले ही अलग-अलग दल और गठबंधन की तरफ से अलग-अलग बयान निकलकर आमने आ रहे हैं. इससे ये तो साफ है कि भले ही किसी पार्टी का किसी के साथ गठबंधन हो लेकिन चुनाव परिणाम के बाद वो पार्टी उस गठबंधन के साथ ही रहेगी या नहीं ये अभी से कह पाना शायद जरा जल्दबाजी होगी. चलिए आज हम आपको ऐसे ही कुछ बयानों से रूबरू कराते हैं जो मतदान के दौरान निकल कर सामने आए हैं. 

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मुख्यमंत्री चुनने का फार्मूला तय नहीं है

महायुति गठबंधन के नेता और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने The Hindkeshariसे कहा कि महायुति का टारगेट महाराष्ट्र में 175  सीटें हासिल करना है. मुख्यमंत्री चुनने को लेकर अभी तक कोई फार्मूला तय नहीं हुआ है. 23 तारीख को महायुति के सभी घटक दलों की बैठक होगी और उसमें मुख्यमंत्री के बारे में चर्चा की जाएगी. सुप्रिया सुले पर बिटकॉइन घोटाले में शामिल होने का जो आरोप लगा है उसकी जांच होनी चाहिए.

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बटेंगे तो कटेंगे पर आमने-सामने हुए थे देवेंद्र फडणवीस-पावर

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बीते दिनों ऐसी ही एक बयानबाजी को लेकर अब महायुति गठबंधन के दो बड़े देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार एक दूसरे के सामने खड़े नजर आ रहे हैं. देवेंद्र फडणवीस ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर अजति पवार के बयान का जवाब दिया था. देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि दशकों तक अजित पवार ऐसी विचारधाराओं के साथ रहे हैं जो सेक्युलर और हिंदू विरोध हैं. खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वालों में कोई वास्तविक धर्मनिरपेक्षता नहीं है.वे ऐसे लोगों के साथ रहे हैं, जिनके लिए हिंदुत्व का विरोध करना ही धर्मनिरपेक्षता है.



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