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'भगवान कृष्‍ण की दी गई शिक्षा…' : CM रेवंत रेड्डी ने अभिनेता नागार्जुन के कन्वेंशन सेंटर को ढहाने का किया समर्थन


हैदराबाद:

अभिनेता नागार्जुन (Nagarjuna) के कन्वेंशन सेंटर को ढहाना भगवद गीता में भगवान कृष्ण की शिक्षाओं के तहत उचित है. यह कहना है तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) का. उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार झीलों पर अतिक्रमण करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेगी, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों. तेलंगाना के सरकारी अधिकारियों ने शनिवार को हैदराबाद के माधापुर में तेलुगु अभिनेता नागार्जुन के संयुक्त स्वामित्व वाले एन-कॉन्वेंशन सेंटर को ध्वस्त कर दिया था.

रेड्डी ने हरे कृष्णा मूवमेंट के एक कार्यक्रम में कहा कि भगवद् गीता अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की प्रेरणा है. उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने सिखाया है कि लोगों की भलाई और अधर्म को हराने के लिए धर्म का पालन करना चाहिए, भले ही इसके लिए युद्ध ही क्यों न करना पड़े. 

उन्‍होंने कहा कि भगवान कृष्ण की शिक्षाओं का पालन करते हुए कांग्रेस सरकार ने HYDRAA (हैदराबाद डिजास्टर रिस्पांस एंड एसेट प्रोटेक्शन) द्वारा जल निकायों के फुल टैंक लेवल में निर्मित अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया है. 

शक्तिशाली लोग हैं फॉर्म हाउसों के मालिक : CM रेड्डी 

रेड्डी ने कहा, “चूंकि शक्तिशाली लोग इन फॉर्म हाउसों के मालिक हैं, इसलिए बहुत दबाव है, लेकिन यह भविष्य की बात है. भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार, धर्म की जीत और अधर्म की हार होनी चाहिए.”

एन-कन्वेंशन सेंटर को शनिवार को HYDRAA, टाउन प्लानिंग, सिंचाई और राजस्व विभागों के अधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था. यह कथित तौर पर भूमि का अतिक्रमण कर बनाया गया था, जो तम्मिडिकुंटा झील का हिस्सा है. यह मामला अदालत में लंबित है, जिसने ध्‍वस्‍त करने पर रोक लगाने का आदेश दिया था. 

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कंवेंशन सेंटर गिराने की नागार्जुन ने की निंदा 

इस कदम की नागार्जुन ने कड़ी निंदा की है. उन्‍होंने दावा किया कि यह “गैरकानूनी” था. उन्होंने कहा कि यदि अदालत ने उनके खिलाफ फैसला दिया होता तो वह खुद ही ढांचा गिरा देते. 

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि एन-कन्वेंशन फुल टैंक लेवल/बफर जोन में बनाया गया और इसके निर्माण की अनुमति नहीं है. 

… तो वह सच्‍चे प्रतिनिधि नहीं होंगे : CM रेड्डी 

इसके साथ ही रेड्डी ने यह भी कहा कि झीलों के पास बने कुछ फॉर्म हाउस गांडीपेट जैसे जल निकायों में सीवर छोड़ते हैं जो शहर के कुछ हिस्सों में पीने के पानी की आपूर्ति करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि झीलों और लोगों के हितों की रक्षा करने में वह विफल रहते हैं तो वह सच्चे जनप्रतिनिधि नहीं होंगे. 

शहर की झीलों की श्रृंखला को प्रसिद्ध इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की मदद से 1908 में आई बाढ़ के बाद तत्कालीन निज़ाम प्रशासन ने डिजाइन किया था. 

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